21 जनवरी को सेंसेक्स 50184 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच कर इतिहास रच दिया। 23 मार्च 2020 तक दुनियाभर में कोरोना के केवल 3 लाख मामले सामने आए थे और 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी। इस आंकड़े के बाद ग्लोबल मार्केट में कोहराम मच गया, जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में सुनामी आ गई। सेंसेक्स 3934 अंक का गोता लगाकर 25,981.24 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 1110 अंक डूब कर 7634 के स्तर पर। वहीं 24 मार्च 2020 को सेंसेक्स 25,638 अंक पर था। यानी तब से अब तक सेंसेक्स करीब दोगुने स्तर पर पहुंच चुका है। मार्च के बाद से बीएसई मिडकैप इंडेक्स 99% चढ़ गया जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 112.56% चढ़ गया। सेंसेक्स पैक में चार शेयरों ने मार्च से 100% की बढ़त हासिल की है। इस अवधि के दौरान महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 155%, इंफोसिस ने 129%, HCL Technologies ने 124%, इंडसइंड बैंक ने 115% और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 103% की बढ़त हासिल की।
बुलंदियों पर बाजार के पहुंचने के ये हैं कारण
1. कोविड का टीका: इस साल 16 जनवरी से कोविड का टीका देश में लगना शुरू हो गया है। इसस अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट रही है।
2: 30 हजार करोड़ का आईपीओ और तीसरी तीमाही के नतीजे : इस साल कई कंपनियों की 30 हजार करोड़ के आईपीओ लाने की तैयारी है। इस महीने ही इंडिगो पेंट्स और आईआरएफसी के आईपी आ चुके हैं। ये बाजार को नई ऊंचाई पर ले जाने में और मदद करेंगे। वहीं कंपनियों के तीसरी तीमाही के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। ज्यदादतर कंपनियों के नतीजे उत्साहवर्धक रहे, जो बाजार को और बूस्ट कर रहे हैं।
3. बाजार में छोटे निवेशकों का उत्साह: भारतीय शेयर बाजार में तेजी से युवा औैर छोटे निवेशक निवेश कर रहे हैं। ये बाजार का पूंजीकरण को नई ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रहा है।
4. आरबीआई का जीडीपी अनुमान: भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारतीय अर्थव्वस्था उम्मीद से बेहतर गति से सुधर रही है। यह निवेशकों में विश्वास बहाली का काम कर रहा है।
5. रेटिंग एजेंसी ने सुधारा रेटिंग : कोरोना के बाद रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत ही नकारात्मक तस्वीर पेश की थी, लेकिन अब उसमें बदलाव कर दिया है
6. महंगाई पर नियंत्रण: आरबीआई ने आने वाले महीनों में महंगाई घटने का अनुमान लगाया है। इससे ब्याज दर घटाने में मदद मिलेगी। इससे मांग बढ़ेगी जो कंपनियों को मुनाफा बढ़ाएगा।
7. जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ के पार: दिसंबर में पहली बार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। नवंबर और अक्तूबर में भी जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ के पार गया था। यह इशारा करता है कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है।
8. एनएफओे में निवेशकों का बढ़ा रुझान: बाजार में तेजी से उत्साहित म्यूचुअल फंड कंपनियां नए फंड ऑफर (एनएफओ) लेकर आ रही है। यह संकेत है कि बाजार पर निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
9. सेबी का कदम: म्यूचुअल फंड निवेशकों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेबी ने कई बदलाव किए हैं। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, जो बाजार को मदद कर रहा है।
10. बैंक में बढ़ी नकदी: कोरोना संकट के बीच भारतीय का बैंकों में जमा बढ़ा है। यह पैसा आने वाले समय में बाजार में आ रहा है और यही वजह है कि इसमें तेजी आ रही है।
11. कर्ज लेने का रुझान घटा: आम लोगों ने कोरोना संकट के बीच कम कर्ज लिया है। आरबीआई के डाटा से यह जानकारी मिली है। यह भी बाजार को मदद कर रहा है।
12. टेक्निकल चार्ट बता रहे हैं तेजी: भारतीय बाजार को लेकर टेक्निकल चार्ज अगले छह महीने तक तेजी जारी रहने के संकेत दे रहे हैं।
13. विदेशी निवेशकों की ओर से खरीदारी जारी: भारतीय बाजार में विदेशी निवेशक रिकॉर्ड खरीदारी कर रहे हैं। इसके चलते ही भारतीय बाजार ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी के पहले पखवाड़े में भारतीय बाजारों में 14,866 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनियों कें तीसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद के बीच एफपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
14. एफडीआई का प्रवाह: कोरोना संकट के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) रिकॉर्ड 500 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। यह बाजार को मजबूती देने का काम कर रहा है। वहीं देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 21 फीसद बढ़कर 35.33 अरब डॉलर रहा।
15. बाइडन का अमेरिकी राष्ट्रपति बनना: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बनने से आईटी कंपनियों को फायदा होगा। ट्रंप ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे और विजा नियम को भी सख्त कर दिया था।
16. ईरान से तेल की पुन: खरीद: बाइडेन की राष्ट्रपति बनने से ईरान से तेल की पुन: खरीद शुरू होने की उम्मी है। भारतीय तेल कंपनियों को इससे फायदा बढ़ेगा।
17. विनिवेश की गाड़ी : इस साल में बीपीसीएल, एयर इंडिया समेत कई सरकारी कंपनियों की विनिवेश प्रक्रिया समपन्न होने का अनुमान है।
18. सोने से घट रहा आकर्षण: बीते तीन महीने में सोने से भारतीय निवेशकों का रुझान तेजी से घटा है। इससे कीमत नीचे आई है। निवेशक एक बार फिर से इक्विटी की ओर रुख कर रहे हैं।
19. ऑटो सेक्टर में रिवाइवल: कोरोना के बाद ऑटो सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया है। यह इस साल भी जारी रहने की उम्मीद है। यह भी एक अच्छा संकेत है।
20. पीएमआई में सुधार: देश की विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि की रफ्तार फिर से तेज हो गई है। आईएचएस मार्किट इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) नवंबर में 56.3 और अक्टूबर में 58.9 था। 50 से ऊपर विस्तार माना जाता है।
21. आईआईपी का बेहतर प्रदर्शन: औद्योगिक उत्पादन सकारात्मक दायरे में पहुंच गया। खनन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में सुधार हुआ है।
रसातल से 50 हजारी तक ऐसे पहुंचा सेंसेक्स
- मालूम हो कि मार्च में निचले स्तर पर पहुंचने के बाद आठ अक्तूबर को सेंसेक्स 40 हजार के पार 40182 पर पहुंच गया था।
- वहीं पांच नवंबर को सेंसेक्स 41,340 पर बंद हुआ था। 10 नवंबर को इंट्राडे में इंडेक्स का स्तर 43,227 पर पहुंचा था, जबकि 18 नवंबर को 44180 और चार दिसंबर को इसने 45000 का आंकड़ा पार किया।
- नौ दिसंबर को सेंसेक्स पहली बार 46000 के ऊपर 46103.50 के स्तर पर बंद हुआ। 14 दिसंबर को सेंसेक्स 46284.7 पर खुला।
- वहीं 21 दिसंबर को सेंसेक्स 47055.69 के स्तर पर पहुंच गया। अब 30 दिसंबर को सेंसेक्स अब तक के सर्वोच्च स्तर 47,807.85 अंक तक चला गया था।
- इसके बाद नए साल में 48 हजार का स्तर पार करते हुए सेंसेक्स बुधवार 6 दिसंबर को 48616.66 के नए शिखर पर खुला था। 8 दिसंबर को सेंसेक्स 48797.97 के नए शिखर को छू लिया।
- 11 दिसंबर को शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स एक नए शिखर 49260.21 अंक पर पहुंच गया। वहीं 12 जनवरी को 49569.14 का आंकड़ा छुआ और अब 13 जनवरी को सेंसेक्स एक नए शिखर पर था और आज यानी 21 जनवरी को सेंसेक्स ने एक और इतिहास रचते हुए 50,184.01 के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया।