हरियाणा में कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए फरवरी के पहले सप्ताह में स्कूलों को एक बार फिर खोल दिया जाएगा। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कंवर पाल ने पत्रकारों से कहा, ''कोविड के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं और स्थिति में सुधार हुआ है। इसके अलावा, कोविड-19 टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है, इसलिए हमने फरवरी के पहले सप्ताह से कक्षा छह से आठवीं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं को शुरू करने पर बाद में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के संबंध में सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
कोविड-19 महामारी के कारण छह महीनों तक बंद रहने के बाद हरियाणा में स्कूलों को नौंवी कक्षा से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए सितंबर के मध्य में आंशिक रूप से खोला गया था। कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी होने के बाद हरियाणा सरकार ने नवंबर में सभी स्कूलों को बंद कर दिया था। दिसंबर के मध्य में स्कूलों को उच्च कक्षाओं के लिए फिर से खोला गया था।
प्राइमरी स्कूलों को भी खोलने की मांग
कोविड-19 के कारण मार्च से बंद पड़े स्कूलों की छठी से आठवीं तक कक्षाओं में एक फरवरी से पढ़ाई शुरू करवाने के हरियाणा सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने आज मांग की कि प्ले व प्राइमरी से लेकर सभी कक्षाओं के लिए स्कूल नियमित रूप से खेले जाएं। इस संदर्भ में संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा है। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है और कोरोना संक्रमण भी लगभग सभी जगहों से समाप्त हो गया है। सरकार ने राजनीतिक रैलियों, जिम, सिनेमाघर, रोडवेज सहित विभिन्न स्थानों को पूरी तरह से खोल दिया है। ऐसे में केवल स्कूलों को सीमित रूप से खोलने की अनुमति कतई उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस दौरान शिक्षा ऑनलाइन होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा बच्चे पढ़ाई से वंचित है, क्योंकि हर बच्चे के लिए घर पर स्थायी फोन, इंटरनेट की सुविधा नहीं है। जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि अभिभावक भी लगातार स्कूल खोलने की मांग रहे हैं।