केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में केंद्र द्वारा पारित विवादित कृषि कानूनों की शुक्रवार को निंदा की और कहा कि इससे नियंत्रित बाजारों का महत्व कम होगा तथा कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचेगा।
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के नीति संबोधन के दौरान खान ने केंद्र सरकार की नीतियों और जांच एजेंसियों की आलोचना वाले हिस्सों को भी पढ़ा। राज्यपाल ने राज्य सरकार की योजनाओं के खिलाफ विभिन्न आरोपों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने संविधान में तय सीमा पार कर दी है।
खान आमतौर पर केंद्र का खुलेआम समर्थन करने में हिचकते नहीं हैं लेकिन राज्य सरकार की नीतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा कि इस तरह की स्थिति में सहयोगात्मक संघवाद अपना आशय खो देगा तथा महज नाम का रह जाएगा।
खान ने कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए 23 दिसंबर को सदन की बैठक बुलाने की वाम सरकार की मांग को पहले खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से 31 दिसंबर को एक प्रस्ताव पारित कर इन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की थी।