सर्दी से बचने को कमरे में जलाई थी अंगीठी, मौत की नींद सोया पूरा परिवार

बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक परिवार के लिए जानलेवा साबित हुआ है। फरीदाबाद के सेक्टर-58 थाना इलाके के ओम वैली राजीव कॉलोनी रोड पर बुधवार सुबह उस समय कोहराम मच गया, जब एक ही परिवार के तीन लोगों की घर में अंगीठी जलाकर सोने से मौत हो गई। जब सुबह देर तक परिवार के लोग सोकर नहीं उठे तो मकान मालिक और पड़ोसियों ने छत के रास्ते घर में पहुंचकर कमरे में अंदर से लगी कुंडी तोड़ प्रवेश किया। तीनों को मृत अवस्था में देख तुरंत इसकी सूचना सेक्टर-58 थाना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही एएसआई विकास के नेतृत्व में पांच पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने तीनों शवों को अपने कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से बिहार के लक्खी सराय के गांव लक्ष्मीपुर का रहने वाला 25 वर्षीय अमन अपनी पत्नी 22 प्रिया व 5 वर्षीय बेटे के साथ ओम वैली के पास में किराये के मकान में रहता था। वह सेक्टर-24 की एक कम्पनी में नौकरी करता था। पड़ोसियों के मुताबिक, रात के वक्त उन्होंने खाना खाया और फिर सर्दी से बचने के लिए अपने कमरे में लकड़ी को तसले में जलाकर कमरे में चारपाई के पास रख दिया। सुबह के वक्त अमन की पत्नी प्रिया प्रतिदिन पड़ोसिन के साथ दूध लेने के लिए जाती थी, लेकिन आज सुबह इस परिवार का कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकला। काफी देर हो जाने पर पड़ोसियों में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई। कई बार आवाज लगाने पर भी अंदर से कोई जबाव नहीं मिल पा रहा था। हिम्मत करते हुए मकान मालिक ने पड़ोसियों की मदद से छत के रास्ते मकान में प्रवेश किया। जहां अंदर से बंद कमरे की कुंडी को हथौड़ी से तोड़कर दरवाजा खोला तो तीनों को मृत अवस्था में देख चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।

मोबाइल पर लगा था लॉक

एएसआई विकास के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने घर में तीनों शवों को देख छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने उसके परिजनों का पता लगाने के लिए उसके मोबाइल नंबर से किसी परिचित का से संपर्क करना चाहा, लेकिन मोबाइल पर लॉक लगा हुआ था। जांच कर रही पुलिस ने बताया कि इसी बीच उसके मोबाइल पर एक फोन आया। उनसे बात करने पर इनके नाम व पते के बारे में पता चला। मृतक का बड़ा भाई रोहतक में रहता है। उसके नंबर पर फोन पर इस हादसे के बारे में बता दिया है। उसके आने के बाद ही यहां से शव बीके अस्पताल भेजे जाएंगे। खबर लिखे जाने तक अभी पुलिस मौके पर ही है। मृतक के भाई के पहुंचने का इंतजार है।

बंद करने में अंगीठी जलाकर कभी न सोएं

कड़ाके की सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करेंगे। कमरों को गर्म रखने के लिए, अलाव, अंगीठी और हीटर जैसे उपकरण जलाए जाएंगे, लेकिन कमरों को गर्म रखने के लिए ये उपाय आपके लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान रहें। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है। 

हीटर या अंगीठी से कम हो जाता है कमरे में ऑक्‍सीजन लेवल

कोयला या अलाव जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई प्रकार की जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे पर्यावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, दिमाग पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिये शरीर के अंदर भी पहुंचता है। दिमाग पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है। बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का लेवल कम हो जाता है। इस वजह से नॉर्मल लोगों को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है। अगर आप हीटर का प्रयोग करते हैं, तो कमरे में एक बाल्टी पानी रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे।

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं।
  • अलाव जलाकर उसके पास न सोएं।
  • साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें।
  • आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें।
  • घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाएं तो ज्यादा बेहतर है।
  • यदि रात में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, तो इनके करीब प्लास्टिक, कपड़े, केमिकल्स न रखें।
  • ढीले प्लग, कटे तार से भी हादसा हो सकता है।

ये सावधानियां बरतें

हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोग होने से कमरे में ऑक्सीजन की और कमी हो जाती है।