इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाज़ियाबाद में एटीएम लूट कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी में लाखों रुपये की हेराफेरी के मामले में पुलिसकर्मियों के निलंबन पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने कांस्टेबल सौरभ शर्मा, सचिन कुमार व धीरज भारद्वाज की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया है। याचियों के निलंबन आदेश पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि निलंबन आदेश नियम व कानून के विरुद्ध है।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री गौतम का कहना था कि निलंबन आदेश करते समय सक्षम अधिकारी के समक्ष कोई तथ्य नहीं था। कहा गया कि निलंबन आदेश सच्चिदानंद त्रिपाठी केस में हाईकोर्ट की विधि व्यवस्था के विरुद्ध है।
इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने एटीएम लूट कांड के आरोपी अभियुक्त राजीव सचान व आमिर को गिरफ्तार कर उनसे लूट के 45 लाख 81 हज़ार 500 रुपये की बरामदगी बताई जबकि अभियुक्तों ने अपने बयान में कहा कि पुलिस ने उनके पास से एक करोड़ 20 लाख रुपये बरामद किया था।
अभियुक्तों के बयान के बाद एसएसपी गाजियाबाद ने इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान समेत छह अन्य पुलिसकर्मियों को 25 सितम्बर 2019 को यूपी अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 17 (1)(क) के प्रावधानों के तहत निलम्बित कर दिया था। साथ ही उन्हें गाजियाबाद पुलिस लाइन से सम्बद्ध कर दिया गया था।
इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा भी पंजीकृत है और इन्हें जेल भी भेज दिया गया। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होने पर रिहा किया गया है ।