इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस गैंग रेप पीड़िता के परिजनों से मिलने जा रहे तीन पीएफआई सदस्यों की याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ मुजफ्फरनगर के अतीकुर्रहमान, बहराइच के मसूद व रामपुर के आलम की याचिका पर दिया है। इन तीनों को हाथरस जाते समय मथुरा पुलिस ने पांच अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने इनके खिलाफ यूएपीए की धारा 17 व 18 और आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए व 124-ए, आई टी एक्ट की धारा 65, 72 व 75 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इन पर आरोप है कि ये लोग कानून व्यवस्था खराब करने और जातीय दंगा भड़काने के उद्देश्य से हाथरस जा रहे थे। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख लगाई है। याचिका में न्यायिक हिरासत में भेजने के मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में रिमांड आदेश को क्षेत्राधिकार से परे बताते हुए रिहाई की मांग की गई है। इन पर आरोप है कि इनका पीएफआई छात्र विंग सीएफआई ( कैम्पस फ्रंट आफ इंडिया) से लिंक है ।