लखनऊ विश्वविद्यालय के आगामी शैक्षिक सत्र में सहयुक्त महाविद्यालयों के लिए केन्द्रीकृत दाखिले की प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह अहम फैसला लिया है। इसके चलते केन्द्रीकृत दाखिले की प्रक्रिया में जो कॉलेज शामिल होना चाहते हैं, वह एक निर्धारित शुल्क देकर प्रक्रिया से जुड़ सकेंगे। अभी तक नए शैक्षिक सत्र में इसे अनिवार्य किए जाने की चर्चाएं तेज थीं। इस पर प्रशासन ने विराम लगा दिया है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इस बार केन्द्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया में व्यापक सुधार किया जा रहा है। दाखिले के लिए बनने वाली समिति में निजी कॉलेजों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। इनके सुझावों के आधार पर प्रवेश लिए जाएंगे।
प्रवेश के दौरान अभ्यर्थियों को लविवि के साथ ही संबंधित महाविद्यालयों में दाखिले का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा सीट खाली रहने की स्थिति में कॉलेजों के साथ दाखिला न लेने वाले छात्रों का ब्योरा भी साझा किया जाएगा।
मार्च में शुरू हो सकती है प्रक्रिया:
शैक्षिक सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया आगामी मार्च माह से शुरू होने की संभावनाएं जताई जा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो मार्च -अप्रैल के माह में आवेदन लिए जाएंगे। मई में प्रवेश परीक्षा कराई जा सकती हैं। तब तक सभी शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं पूरी होने की संभावनाएं हैं। जून में नतीजे आने के बाद मेरिट जारी करके दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर जाएगी।
एलयू बनाएगा अपना कॉल सेंटर
दाखिले के लिए फार्म कैसे मिलेगा? ऑनलाइन फार्म कैसे भरा जाएगा ? ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए छात्र को भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें सभी जानकारी एक फोन कॉल पर मिल जाएंगी। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपना कॉल सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया है। इस कॉल सेंटर को विश्वविद्यालय की कर्मयोगी योजना से भी जोड़ा जाएगा। इससे छात्रों को यहां काम करने का मौका मिलेगा। बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए केन्द्रीकृत व्यवस्था है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि नए शैक्षिक सत्र में दाखिले की आवेदन की प्रक्रिया के साथ ही इस कॉल सेंटर की भी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे छात्रों को छोटी-छोटी जानकारी प्राप्त करने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।