महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के परिसर में आग लगना दुर्घटना थी या किसी ने जानबूझकर ऐसा किया था, यह जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा। इंस्टीट्यूट के मंजरी परिसर में निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत में गुरुवार को लगी आग में पांच मजदूरों की मौत हो गई।
घटनास्थल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से ठाकरे ने कहा कि जांच पूरी होने दें। अभी कुछ भी कहना सही नहीं है। जांच पूरी होने के बाद हमें पता चलेगा कि यह दुर्घटना थी या जानबूझकर किया गया था। इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि आग लगने से कोविशील्ड टीके के उत्पादन पर कोई असर नहीं हुआ है लेकिन रोटावायरस और बीसीजी (टीबी) टीका उत्पादन इकाइयां क्षतिग्रस्त हुई हैं।
उन्होंने बताया, ''आग लगने से करीब 1,000 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है।'' गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी परिसर में ही कोविड-19 के टीके कोविशील्ड का उत्पादन हो रहा है। इस टीके का भारत सहित अन्य कई देशों में भी उपयोग हो रहा है। जिस इमारत में आग लगी थी वह कोविशील्ड उत्पादन ईकाई से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।