टीकरी बॉर्डर पर सल्फास की गोलियां खाने वाले किसान की मौत
dead body of kidnapped student found in dam for four days in lalitpur

नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर कथित रूप से जहरीला पदार्थ खाने वाले एक किसान की बुधवार को दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। 

पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान जय भगवान राणा (42) के तौर पर हुई है वह हरियाणा के रोहतक जिले में पकासमा गांव का रहने वाला था। उन्होंने बताया कि राणा ने मंगलवार को टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर सल्फास की गोलियां खा ली थीं। अपने कथित सुसाइड नोट में जय भगवान राणा ने लिखा था कि वह एक छोटा किसान है और केंद्र के नए कृषि कानून के खिलाफ बहुत से किसान सड़कों पर हैं। उसने एक पत्र में लिखा, “सरकार कहती है कि यह सिर्फ दो या तीन राज्यों का मामला है, लेकिन पूरे देश के किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दुखद है कि अब यह सिर्फ आंदोलन नहीं, बल्कि मुद्दों की लड़ाई बन गया है। किसानों और केंद्र के बीच बातचीत में भी गतिरोध बना हुआ है।”

पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) ए कोअन ने कहा कि जय भगवान राणा को एंबुलेंस से संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मामले में दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पिछले महीने पंजाब के एक वकील ने कथित तौर पर टीकरी बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल से कुछ किलोमीटर दूर जहर खाकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी। 

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में 10वें दौर की वार्ता चल रही है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। 

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।