दक्षिणी दिल्ली की जनता पर सम्पत्तियों, वाणिज्यिक, गैर आवासीय सम्पत्तियों पर टैक्सों का बोझ बढ़ाकर उनसे राजस्व एकत्रित करने के प्रस्ताव को मंगलवार स्थायी समिति की विशेष बैठक में निरस्त कर दिया गया है। जनता पर वाणिज्यिक, गैर आवासीय सम्पत्तियों में टैक्स वृद्धि 15 प्रतिशत बढ़ाकर 20 प्रतिशत की गई थी, जबकि डीडीए और सीजीएचएस फ्लैट्स (100 वर्ग मीटर) पर दी जाने वाली 10 प्रतिशत की अतिरिक्त छृूट को समाप्त करने का प्रस्ताव निगमायुक्त ने रखा था, इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया और छूट यथावत जारी रहेगी।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम की विशेष बैठक में स्थायी समिति के चेयरमैन राजदत्त गहलोत द्वारा वर्ष 2020-21 के संशोधित बजट अनुमान तथा वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान पर अपना वक्तव्य पेश किया गया। उन्होंने कहा कि निगमायुक्त ने गत माह अधिक राजस्व जुटाने के लिए दक्षिण दिल्ली की जनता पर टैक्सों का बोझ लादने का प्रस्ताव रखा था। इसमें निगमायुक्त ने आवासीय सम्पत्तियों, वाणिज्यिक, गैर आवासीय सम्पत्तियों (150 वर्गमीटर से कम) के अलावा 'ए' तथा 'बी' श्रेणी के तहत आने वाली आवासीय सम्पत्तियों पर 14 प्रतिशत तथा 'सी' से 'एच' श्रेणी के समकक्ष सम्पत्तियों पर वार्षिक मूल्य के 12 प्रतिशत टैक्स प्रस्तावित किया था।
इन टैक्सों को थोपने के अलावा आयुक्त ने विशेष वाणिज्यिक, गैर आवासीय सम्पत्तियों में टैक्स 15 से प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया था। चेयरमैन राजदत्त गहलोत ने स्थायी समिति में निगमायुक्त द्वारा बढ़ाए जाने वाले टैक्सों के इन प्रस्तावों को निरस्त कर दिया। इसके अलावा धारा 123 बी (3) के तहत सम्पत्ति मालिकों को मिलने वाली 15 प्रतिशत छूट के प्रस्ताव को 10 प्रतिशत कर किया था। स्थायी समिति चेयरमैन ने इस प्रस्ताव को निरस्त करते हुए लाखों लोगों को फायदा पहुंचाया है।
वहीं, को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी (सीजीएचएस) में सम्पत्तियों के मामले में एकमुश्त भुगतान पर 20 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव भी निगमायुक्त ने रखा था, लेकिन उनके इस प्रस्ताव को भी नामंजूर कर दिया गया है।