केजीएमयू एल्युमनाय एसोसिएशन के वेबिनार में विशेषज्ञों ने दी जानकारी
लखनऊ। आंखों की रोशनी कम होने की परेशानी लोगें में बढ़ रही है। आधुनिक जीवनशैली और बेढंगा खान-पान नजर कमजोर होने की बड़ी वजह है। ऐसे में पीले फलों का सेवन व विटामिन ए वाले खाद्यपदार्थ आपकी आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं। यह बातें आस्ट्रेलिया के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कही।
वह गुरुवार को केजीएमयू जॉर्जियन एल्यूमनाय एसोसिएशन की ओर से आयोजित अलफेस्ट 2021 को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय आयोजन में वैज्ञानिक वेबिनार होंगे। जिसमें देश-दुनिया में फैले केजीएमयू से पढ़ाई कर चुके जॉर्जियन हिस्सा लेंगे। पहले दिन नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वर्ष 2050 तक लगभग आधी दुनिया में मायोपिया की समस्या होगी। एशिया के देश इससे सर्वाधिक प्रभावित होंगे। लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना इसकी सबसे बड़ी वजह है। कोरोना काल में परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि लोग कम्प्यूटर और मोबाइल पर काम ज्यादा कर रहे हैं लेकिन सावधानियां नहीं बरतते। मोबाइल या कम्प्यूटर को ज्यादा देर न देखें। बीच-बीच में 10 से 20 मिनट का आराम जरूर लें। छोटी स्क्रीनपर लंबे समय तक काम करने से बचें।
आंखों के लिए फायदेमंगद
-पीले फलों का सेवन करें। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैरोटीनोइड्स पाया जाता है जो आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है।
-गाजर का सेवन करें।
- पीला कद्दू को भी भोजन में शामिल करें।
-आम का भरपूर सेवन करना चाहिए।
-हरी सब्जियां जैसे पालक, धनिया, पत्ता गोभी और मेथी में कैरोटीनोइड्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके नियमित सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
-अंडा प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए खूब होता है।
-दही भी आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
मोटापे से बचें
डॉ. इरा पांडेय ने कहा कि जीवनशैली में सुधार कर जोड़ों में दर्द की परेशानी से निजात पा सकते हैं। रोजाना दो से तीन किलोमीटर पैदल चलें। सर्दियों में बचकर रहें। डॉ. संजीव अग्रवाल ने कहा कि कसरत करने से मांसपेसियां मजबूत बनी रहती हैं। जोड़ जाम नहीं होते हैं। पैदल चलने से जोड़ों में मौजूद कॉर्टिलेज बरकार रहता है। वजन भी काबू में रहता है। घुटनों के खराब होने की सबसे बड़ी वजह से मोटापा है।
देश दुनिया में छाए हैं केजीएमयू के डॉक्टर
केजीएमयू प्रवक्ता व कार्यक्रम के सह सचिव डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक यह पहला अवसर है जब अंतर्राष्ट्रीय एल्युमनाय एसोसिएशन स्नातक कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए कक्षा का आयोजन किया गया। जॉर्जियंस का परिवार पूरे विश्व में फैला हुआ है। कार्यक्रम की संरचना यूनाइटेड किंगडम (यूके) से डॉ. धवेन्द्र कुमार व आस्ट्रेलिया के डॉ. शैलजा चतुर्वेदी ने की। केजीएमयू हिमेटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि केजीएमयू के डॉक्टर देश-दुनिया में फैले हैं। जो चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से एमबीबीएस छात्रों का मनोबल बढ़ता है। नई तकनीक से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है।