नर्सरी दाखिला शुरू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर स्कूल संगठनों का प्रदर्शन
nursery admission 2021

Nursery Admission 2021: राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों के पांच से अधिक संगठन अपनी नर्सरी दाखिला प्रक्रिया शुरू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतरे। जिसके तहत स्कूल संगठनों की तरफ से चंदगीराम अखाड़े से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च आयोजित किया गया। हालांकि मुख्यमंत्री आवास में पहुंचने से पहले ही पुलिस ने ट्रामा सेंटर के बाहर ही मार्च को रोक दिया। जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री आवस में ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों पर अमल करने की मांग की है।

सभी कक्षाएं फिर हो शुरू, स्कूलों को दिया जाए ईडब्ल्यूएस का बकाया
दिल्ली के स्कूल संगठन एप्सा, दिसा, निसा, पीएलपीएस और साउथ दिल्ली एसोसिएशन के बैनर तक सोमवार को मार्च का आयोजन किया गया। जिमसें बड़ी संख्या में स्कूल संचालक शामिल हुए। एप्सा के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया ने कहा कोरोना बंदी के चलते स्कूल आर्थिक तंगी से गुजर रहे बहुत से स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द ईडब्ल्यूएस का बकाया निजी स्कूलों को देना चाहिए। 

जो स्कूलों के लिए मददगार होगी। डिसा अध्यक्ष सत्यवीर सिंह मावी ने कहा नर्सरी दाखिला प्रक्रिया में प्रत्येक साल  सामान्य श्रेणी के साथ ही ईडब्ल्यूएस बच्चों को दाखिला मिलता है। इस साल यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं की गई है। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। प्रेमचंद देशवाल प्रेसिडेंट प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने कहा हम गांव देहात में स्कूल चलाते हैं गरीब स्कूल है हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, अभिभावक फीस नहीं दे पा रहे हैं, स्कूल शिक्षकों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इस  वजह से स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं। 

सरकार हमें आर्थिक मदद दे। अभिभावकों को आर्थिक पैकेज दे ताकि अभिभावक अपने बच्चों की फीस जमा करा पाए।निसा अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा जब यूपी और पंजाब जैसे बड़े राज्यों में छठी से 12वीं क्लास तक स्कूल खुल चुके हैं, तो दिल्ली में क्या परेशानी है। स्कूल अभिभावकों की मंजूरी और सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए बच्चों का शैक्षणिक कार्य करेंगे स्कूल ना जाने से बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास रुक गया है।  

साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में 1 बच्चे पर 82966 सालाना खर्च करती है। 14,99,777 बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और निजी स्कूलों में लगभग 14 से 15 लाख बच्चे पढ़ते हैं अगर दिल्ली सरकार हर एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे को 3500 रुपए का प्रतिमा प्रत्येक  बच्चे को वाउचर दे दे तो पेरेंट्स पर स्कूल की फीस जमा करने का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दिल्ली के हर एक बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिल जाएगा।