शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर सीएम योगी ने पूछे सवाल, तबादले की सिफारिश लेकर तो नहीं आएंगे, स्कूल में पढ़ाने जाएंगे?
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आप स्कूल पढ़ाने तो जाएंगे? या फिर मंत्री की सिफारिश लेकर तबादले के लिए चक्कर लगाएंगे? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त शिक्षकों से संवाद करते हुए ये सवाल सबसे पूछा। उन्होंने शिक्षकों को सभी विषयों का ज्ञान होने और सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक 24 घण्टे का शिक्षक होता है, कुछ घण्टों का नहीं। सबसे पहले उन्होंने चित्रकूट से नागरिक शास्त्र में प्रवक्ता पद पर चयनित मनीषा देवी से बात की।

हालचाल पूछने के बाद सीधा सवाल किया- आप स्कूल जाएंगी पढ़ाने?  मनीषा के धीमे जवाब देने पर उन्होंने कहा कि एक शिक्षक की आवाज इतनी कमजोर नहीं होनी चाहिए कि वह बच्चों के शोरगुल में दब जाए। पढ़ाई-लिखाई और परिवार की जानकारी ली और कहा कि हर व्यक्ति का दायित्व बनता है कि जिस विषय में आपने डिग्री हासिल की उसमें तो ज्ञान हो ही, अन्य विषयों में भी जानकारी होनी चाहिए। 

दूसरा नंबर आया महाराजगंज की प्रियंका सिंह का..। उन्हें इतिहास में प्रवक्ता चुना गया है। प्रियंका के ये बताने पर कि वह हाउसवाइफ थीं, मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपको पढ़ाने का अभ्यास नहीं है, तो स्कूल में कैसे पढ़ा पाएंगी? फिर उन्होंने एक गुरु की तरह समझाया कि जिन्हें आपको पढ़ाना है, वे टीनएजर हैं, उन बच्चों को पढ़ाने जब जाएंगी तो आत्मविश्वास से भरपूर होना चाहिए, आपको साबित करना पड़ेगा। अपने विषय की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए अपनेआपको तैयार करना होगा।

मैनपुरी की रोली झा का चयन कला में सहायक अध्यापक के पद पर हुआ है। मुख्यमंत्री ने पूछा-रोलीजी कैसी हैं? रोली ने पलटकर पूछ लिया-आप कैसे हैं? इस पर मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा कि अच्छा हूं, तभी बात हो पा रही है। पूछा कि सब खुश हैं? रोली के यह कहने पर कि मायके और ससुराल दोनों जगह सब खुश हैं तो सीएम बोलें कि यदि आपका चयन पहले हो जाता तो दहेज में कम पैसा देना पड़ता। इस पर रोली ने कहा कि नहीं सर, दहेज नहीं लिया है। सीएम ने जवाब दिया कि अच्छी बात है। सरकार ने आपका चयन सही किया है। प्रण कीजिए कि दहेज लेंगे नहीं, दहेज देंगे भी नहीं। 

वाराणसी से  प्रवक्ता-संस्कृत पद पर चयनित अपर्णा पाण्डेय से मुख्यमंत्री ने संस्कृत में पूछा कि आपका नाम क्या है? अपर्णा ने संस्कृत में ही जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत के क्षेत्र में संभावनाएं रहती हैं लेकिन समस्या यह है कि संस्कृत के शिक्षकों में स्कूल जाने की स्थिति कम ही लोगों की होती है। संस्कृत के अलावा अन्य भाषाओं की जानकारी रखने की ताकीद भी की। 

वाराणसी से ही हिन्दी प्रवक्ता के पद पर चयनित लवकेश कुमार से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे शोध का विषय पूछा। ग्रामीण भारत के विकास पर लम्बी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वकर्मा सम्मान समारोह का आयोजन शुरू किया है। हुनर को मंच देने का काम सरकार को करना चाहिए था। हमने इसे शुरू किया। अगर हमारा शिक्षक इस प्रतिभा को समझ कर उसे आगे बढ़ाने का प्रयास कर सके तो बढ़िया होगा।  

अयोध्या में अजय प्रकाश मौर्य-भौतिकी के प्रवक्ता पद पर चयनित हुए हैं। यह बताए जाने पर कि अजय प्रकाश लेखपाल पद पर चयनित हो चुके हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लेखपाल रह चुके हैं यानी यमराज को छकाने की क्षमता भी रखते हैं। लेखपाल के बाद शिक्षक तो लोग बनना नहीं चाहते। अब शिक्षक के रूप में बहुत बड़ा रोल निभाना है। लोक सेवा आयोग की छवि पहले आप देख चुके हैं। पिछली सरकारों में नौकरी आती नहीं थी और योग्य लोगों का चयन नहीं हो पाता था। 

इन्हें मुख्यमंत्री ने खुद दिया नियुक्ति पत्र

  • लखनऊ की प्रियंका सिंह-प्रवक्ता, नागरिक शास्त्र -चित्रकूट 
  • लखनऊ के अनिल कुमार-प्रवक्ता, अर्थशास्त्र, बहराइच 
  • प्रयागराज के शेख मो अफसर, प्रवक्ता-वाणिज्य,आजमगढ़
  • अम्बेडकरनगर की रेखा यादव, प्रवक्ता-इतिहास, अम्बेडकर नगर
  • भदोही की भाग्यणी तिवारी, प्रवक्ता संस्कृत, चंदौली
  • गोरखपुर की वंदना जायसवाल, कला सहायक अध्यापक, सिद्धार्थनगर