नेशनल इंन्वेस्टीगेशन एंजेंसी (NIA) ने अपने हेडक्वॉर्टर में किसान आंदोलन से जुड़े करीब एक दर्जन लोगों से पूछताछ की है। यह जांच भारत विरोधी गतिविधि के लिए प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी समूहों की ओर से कथित फंडिंग को लेकर की जा रही है। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है। नाम गोपनीय रखने की अपील करते हुए एनआईए अधिकारियों ने बताया कि 6-7 लोगों से सोमवार को तो अन्य से पहले पूछताछ हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में एनआईए के सामने हाजिर हुए अधिकतर लोगों से गवाहों के रूप में पूछताछ हुई है। एक अधिकारी ने तो यह भी कहा, ''किसी किसान नेता या कार्यकर्ता को परेशान करने की हमारी कोई योजना नहीं है। हमारे पास जो कुछ जानकारियां हैं उसको लेकर स्पष्टीकरण चाहते हैं।''
किसान नेता, सिख कार्यकर्ता, पत्रकार और यहां तक कि पंजाब में मनोरंजन उद्योग से जुड़े करीब 3 दर्जन लोगों को एनआईए ने गवाह के रूप में तलब किया है। कुछ किसान नेताओं जिनमें बलदेव सिंह सिरसा शामिल हैं, पहले ही एनआईए की जांच में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं, क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा ने एनआईए के समन को नहीं स्वीकार करने की बात कही है।
एजेंसी एसजेएफ और दूसरे खालिस्तानी समूहों द्वारा भारत और विदेशों में भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन के लिए फंडिंग की जांच कर रही है। इन तीन दर्जन लोगों को भेजे गए समन को एचटी ने देखा है। इसमें एनआईए ने कहा है कि उन्हें जांच में शामिल होने की आवश्यकता है क्योंकि यह प्रतीत होता है कि वे इस मामले की परिस्थितियों से परिचित हैं।
पिछले साल 23 दिसंबर को हिन्दुस्तान टाइम्स ने सबसे पहले यह रिपोर्ट दी थी कि एनआईए ने धरना प्रदर्शनों के आयोजन के लिए खालिस्तानी आतंकी समूहों की ओर से की जा रही फंडिंग को लेकर 15 दिसंबर को केस दर्ज की है और इसमें कुछ एनजीओ भी शामिल हैं।
एजेंसी ने अभियुक्त के रूप में नामित अमेरिका के गुरपतवंत सिंह पन्नुन, यूके स्थित परमजीत सिंह पम्मा और कनाडा निवासी हरदीप सिंह निज्जर को नामित किया था, जो सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के बैनर तले कथित रूप से इन विरोध प्रदर्शनों के लिए धन एकत्र कर रहे हैं।
यूके आधारित चैनल KTV के पत्रकार जसवीर सिंह ने कहा, ''मैं दो महीने से किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहा हूं, लेकिन मुझे एजेंसी से समन मिलने पर हैरानी हुई। मैं आज नहीं जा सका लेकिन मैं अगली तारीख को एनआईए की जांच में शामिल हो जाऊंगा क्योंकि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।''