हाथरस कांड के समय पकड़े गए पीएफआई के चार सदस्यों के खिलाफ चंदपा थाने में दर्ज अवैध गतिविधि निवारण अधिनियम (यूएपीए) केस को सीजेएम हाथरस ने निष्प्रभावी करते हुए जेल से रिहा करने के आदेश दिए हैं। एसटीएफ ने खुद इस मामले में रिमांड अवधि नहीं बढ़ाने का प्रार्थना पत्र सीजेएम हाथरस की अदालत में दिया था। इसके बाद ही सीजेएम ने चारों आरोपियों को जेल से रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि आरोपी मांट थाने में दर्ज मामले में अभी जेल में रहेंगे।
मांट थाना पुलिस ने हाथरस में दंगा भड़काने के आरोप में पीएफआई के सदस्य कप्पन सिद्दीकी, मो. आलम, अतिकुर्रहमान व मसूद अहमद को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 19 अक्तूबर 2020 को हाथरस के चंदपा थाना पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। हाथरस पुलिस इस मामले में बी वारंट भी जिला जेल में दाखिल कर गई थी। यूएपीए मामले मे निरुद्ध आरोपियों की रिमांड अवधि नहीं बढ़ाने के लिए सीजेएम हाथरस की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया।
आरोपियों के अधिवक्ता मधुवनदत्त चतुर्वेदी ने बताया कि चंदपा थाने में दर्ज मामले की रिमांड अवधि नहीं बढ़ाने के लिए एसटीएफ ने प्रार्थना पत्र दिया, जिसके बाद सीजेएम हाथरस शिव कुमारी ने उक्त सभी चारों आरोपियों को जेल से रिहा करने के आदेश जारी कर दिए। उन्होंने बताया कि उक्त मामले मे चारों आरोपियों की जमानत का प्रार्थना पत्र एडीजे हाथरस की कोर्ट में लगा हुआ है। उससे पूर्व ही सीजेएम ने केस को निष्प्रभावी कर दिया है। मांट थाने में दर्ज देशद्रोह के मामले में उक्त आरोपियों को अभी जमानत नहीं मिली है। जमानत मिलने तक कप्पन सिद्दीकी, मो. आलम, अतिकुर्रहमान व मसूद अहमद जेल में रहेंगे।