बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह साफ कर दिया है कि वर्ष-2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी। यूपी के सभी 403 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। बसपा देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु व पुंडुचेरी में भी बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी। यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बसपा पूरे दम से उतरेगी।
दूसरी पार्टियों को नहीं मिलता वोट
उन्होंने कहा कि हम जिस भी पार्टी से गठबंधन करके चुनाव लड़ते हैं उस पार्टी को हमारा वोट ट्रांसफर हो जाता है। हमें गठबंधन से कोई लाभ नहीं मिलता है। बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत से पहले कांशीराम की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस आदि की बढ़ती कीमतों से महंगाई आसमान छू रही है। इसके विपरीत कोरोना काल में भी देश के पूंजीपतियों व धन्नासेठों के निजी धन में भारी बढ़ोत्तरी होती जा रही है। इससे सरकार की जनहित व जनकल्याण संबंधी नीति व नीयत पर सवाल खड़ा होता है। मायावती ने कहा कि जब किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं तो सरकार को इसे रद करना चाहिए।
चीनी मिलों को बेचने का फैसला कैबिनेट ने लिया
उन्होंने चीनी मिलों को बेचने संबंधी फैसले पर कहा कि केंद्र हो या राज्य, सभी सरकारें निजीकरण संबंधी फैसले लेती रहती हैं। बसपा सरकार में भी बंद चीनी मिलों को बेचने का फैसला किसी मंत्री या मुख्यमंत्री का निजी फैसला नहीं था, बल्कि यह कैबिनेट का सामूहिक फैसला था। ऐसा करते समय सभी कायदे-कानून व नियमों आदि का पालन किया गया था।
बसपाई चुनौतियों का डटकर मुकाबला करें
मायावती ने बसपा के लोगों से कहा कि वे मूवमेंट के समक्ष आने वाली सभी चुनौतियों व षडयंत्रों आदि का डटकर मुकाबला करते हुए, इसे नई शक्ति व ऊंचाइयां प्रदान करने के लिए लगातार संघर्ष करते रहें।
भाजपा-कांग्रेस ने छला
केंद्र व राज्यों में कांग्रेस, भाजपा व अन्य पार्टियों की जो भी सरकारें चल रही हैं तो वे आए दिन ऐसे नए-नए नियम व कानून आदि बना रही है, जिससे समाज में विशेषकर दलित, शोषित, पिछड़े मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का पतन हो रहा है। यूपी की भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था काफी खराब है। आमधारणा के मुताबिक यहां ज्यादातर जातिगत व द्वेष की भावना से किए गए एनकाउंटर व बुलडोजर आदि का इस्तेमाल किया गया।