कोरोना वायरस की उत्पत्ति का रहस्य खंगालने के लिए वुहान (चीन) की विवादित लैब पहुंची विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चार सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को कहा कि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि वायरस चीनी लैब से लीक हुआ। अलबत्ता, वायरस देश में जारी वन्यजीवों के बेलगाम कारोबार से फैलने का अंदेशा है।
थिंकटैंक ‘छठम हाउस’ की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें वुहान के मछली बाजार और सार्स-कोव-2 वायरस के अस्तित्व के बीच सीधा संबंध मिला है। दक्षिण चीन स्थित पड़ोसी क्षेत्रों में कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ चमगादड़ भी बरामद किए गए हैं। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि वायरस को वुहान की लैब में तैयार किया गया था, जहां से लीक होकर यह देश-दुनिया में भयावह महामारी का सबब बना।
दरअसल चीन पर ये आरोप लगाए गए थे कि उसने महामारी की शुरूआत में इससे निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए थे. टीम के सदस्य पीटर दजाक ने मध्य चीन के शहर वुहान की चार दिनों की यात्रा पूरी करते हुए हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद कहा था कि अगला कदम क्या होना चाहिए, उस पर हमारे पास एक स्पष्ट संकेत हैं। यह कार्य किए जाने पर हमें काफी कुछ जानकारी मिलेगी।