नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी (Ramvir Singh Bidhuri) ने 30 साल पहले हुई चकबंदी के बाद किसानों को दिए गए प्लॉट्स की अलाटमेंट रद्द करने के नोटिस फौरन वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि ये प्लॉट नियमानुसार दिए गए थे और अब केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) इस तरह मनमानी करके उन्हें वापस नहीं ले सकती.
इस संबंध में कंझावला गांव में किसान पंचायत (Kisan Mahapanchayat) आयोजित की गई थी. किसान पंचायत में बड़ी संख्या में किसानों ने शिरकत की.
बिधूड़ी ने बताया कि जब साहिब सिंह वर्मा (Sahib Singh Verma) दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान गांवों की चकबंदी की गई थी. चकबंदी के बाद ली गई जमीन के बदले में किसानों को रहने के लिए प्लॉट दिए गए थे. अब रेवेन्यू विभाग की तरफ से एसडीएम ने बहुत से गांव वालों को नोटिस जारी किए हैं कि इन अलॉटमेंट को रद्द किया जा रहा है.
बिधूड़ी ने पूछा है कि आखिर यह कैसे संभव हो सकता है कि 30 साल बाद एक आदेश को बदल दिया जाए? नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए.
पंचायत में ग्रामसभा में समाहित हुई गांववालों की जमीन को प्राइवेट लैंड मानने के मामले पर भी चर्चा हुई. बिधूड़ी ने बताया कि उप-राज्यपाल का आदेश है जिसमें इस जमीन को प्राइवेट लैंड ही माना गया है. इसलिए इस आदेश पर अमल कराया जाएगा.
गांववाले यह भी मांग कर रहे हैं कि ग्रामसभा की जमीन का इस्तेमाल गांववालों के विकास के लिए ही किया जाना चाहिए. बिधूड़ी ने कहा कि इस जमीन पर गांववालों के लिए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का भी यही फैसला है.
पंचायत को पूर्व मेयर मास्टर आजाद सिंह और दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सहरावत ने भी संबोधित किया. बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने इन मांगों के संबंध में एक ज्ञापन डीएम को भी दिया.