अमृत सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में स्वतंत्रता दिवस की पिचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर ध्वजारोहण किया गया , भारत-रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर दो चम्पा फूल के पौधे लगाये


आज अमृत सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में कृष्णानगर मोदीनगर में स्वतंत्रता दिवस की पिचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर  ध्वजारोहण किया गया। 

भारत माता की जय और जयहिन्द का उद्घोष के साथ शहीदों व राष्ट्र भक्तों को नमन् करते हुए राष्ट्र गान मिल कर गाया गया। वर्षा और संध्या ने अपनी सुन्दर रंगों से बनाई रंगीन तस्वीर दिखाई जिसकी सभी ने प्रशंसा की ।वर्षा,लव,तान्या, अवशीष,डुग्गर,पूर्वी ने राष्ट्र भाव से पूर्ण कविता व लघु भाषण प्रस्तुत किये।

तिरंगा बड़े बड़े आयोजनो में  फहराया जाता है परंतु उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार भारत का प्रत्येक नागरिक निजि स्थान पर नियमानुसार ध्वजारोहण करने का अधिकारी है। यह एक रस्म अदायगी नहीं है। यह उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का श्रेष्ठ कर्तव्य है। हम आजादी के लिए युवावस्था  में फांसी के फंदे को ज्यादा समझ पहन कर मृत्यु को गले लगा गये उनको नमन् करते हैं। हम उन सभी को  नमन करते हैं जो परिवार को देश के लिए मंझधार में छोड़ गये । आज हम शपथ लेते हैं कि ऐसा कोई  भी काम नहीं करेंगे जिससे राष्ट्र के गौरव पर कालिख जमे। प्रयास रहे कि अपने कर्तव्य की पूर्ति के साथ प्राणी मात्र के लिए अपना हर कदम उठाएंगे। 

सभी बच्चे और बड़ो ने प्रसाद ग्रहण किया । गरिमामयी उपस्थिति अम्बुजलता माहेश्वरी, राजकुमा तंवर, डाक्टर उपेन्द्र कुमार आर्य, ब्रम्हपाल सिंह आर्य, राजकुमार, अनिल वर्मा, दीपक कर्दम, दीपा वर्मा, शुभम्, रघुनाथ गिरी ,नरेश गुप्ता, पंकज शर्मा, दर्शनार्थी शर्मा, अमायरा करिश्मा और अनिला सिंह आर्य की रही ।


आज हमने दो चम्पा फूल के पौधे लगाये भारत-रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर। चम्पा के फूल हल्के पीले रंग को लिए होते हैं। कहते हैं कि यह मंदिर परिसर में, आश्रम में , आवास में  कहीं भी लगाए जा सकते हैं । इससे वातावरण की शूद्वी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुरूप होते हुए इससे इत्र भी बनाया जाता है। फूलों से तेल बनाया जाता है।

बुखार,पथरी व मूत्रकृच्छ रोग में  इसकी उपयोगिता है ।

कहा जाता है कि  कामदेव के पसंदीदा पांच फूलों में  चम्पा भी एक फूल है ।

सभी उपस्थित जनों ने कुशल राजनीतिक, संवेदनशील कवि व पू,करते वक्ता जो श्रोताओं को अपने लहजे से हंसाते थे ऐसे अजातशत्रु अटलजी को अपनी श्रद्धा की प्रस्तुति पौधे लगाकर की।

गरिमामयी उपस्थिति सुशीला शर्मा, गीता बसोया ,उर्मिला चौधरी, दया चौधरी, शीतल, मधु सोनी सीमा, आंचल, शिखा, गीता चौधरी, काजल, गुड्डी और डाक्टर अनिला सिंह आर्य आदि की रही।