गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में 28 साल बाद पुराना ‘जिन्न’ निकला है और जिले में सियासी भूचाल आना तय माना जा रहा है. दरअसल पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वर्गीय विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह पर हुए जानलेवा हमले में नया मोड़ आ गया है. दिसम्बर 1993 में कद्दावर सपा नेता और पूर्व मंत्री पर जानलेवा हमला हुआ था. इस जानलेवा हमले में भाजपा सांसद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) समेत 5 लोगों पर जानलेवा हमले का आरोप है.
इस मामले में जिला सत्र न्यायालय और एमपी/एमएलए कोर्ट में मामला विचाराधीन है. पूर्व मंत्री पंडित सिंह की बीते 7 मई को कोरोना के चलते निधन हो गया था. पंडित सिंह और उनके छोटे भाई नरेंद्र सिंह इस मामले में गवाह थे और अब 1993 के इस मामले में पंडित सिंह के निधन के बाद इकलौते बचे गवाह ने कल यानी 1 सितंबर को गवाही दी है और अपनी व अपने परिवार को जान-माल का खतरा बताया है.
वहीं इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए न्यायालय जितेंद्र गुप्ता ने मुख्य गवाह नरेंद्र सिंह को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक गोंडा को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देते हुये कहा है कि उनको और उनके परिजनों को तत्काल सुरक्षा दी जाय. नरेंद्र सिंह ने न्यूज 18 से बताया गया कि उनको सांसद से खतरा है और उनको सुरक्षा मुहैया कराई जाय. यह भी कहा कि अगर कोई घटना होती है तो प्रशासन जिम्मेदार होगा.