मोदीनगर. अभी कुछ माह पूर्व हुए जिला पंचायत व बीडीसी चुनाव में सत्ता पक्ष द्वारा पैदा की गई कठिनाइयों के बावजूद राष्ट्रीय लोक दल ने पूरे प्रदेश में बहुत बड़ी सफलता हासिल की थी क्योंकि चुनाव आम जनता ने किया था तो सत्ता के प्रति उनकी नाराजगी देखी जा सकती थी बिना विपक्ष के सत्ता कितनी निरंकुश हो जाती है यह सभी ने देखा और सभी ने जाना। अब-जब एक या दो दल पूरे प्रदेश में चुनाव में सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं तो कहीं आपसी गुटबाजी इस अभियान में पलीता ना लगा दे। राष्ट्रीय लोक दल के नए अध्यक्ष जयंत चौधरी जिन्होंने अध्यक्ष पद की कमान संभालते ही कई बड़े फेरबदल संगठन में किए। वह अपने सटीक निर्णय के लिए जाने जाते हैं। वह एक ऐसे अध्यक्ष के तौर पर जाने जाते हैं जो किसी जाति, विशेष धर्म, विशेष या व्यक्ति विशेष के अध्यक्ष नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के प्रतिनिधित्व की बात करते हैं। मोदीनगर विधानसभा 2012 में पहली बार राष्ट्रीय लोक दल ने यह सीट जीती तो उसका चेहरा रहे सुदेश शर्मा जो 33 प्रतिशत से भी अधिक वोट पाने में सफल रहे जो विधानसभा क्षेत्र में आज भी सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। जिनसे सत्ता पक्ष भी एक तरह से चिंतित रहता है। लेकिन जिस तरह से 28 अगस्त को सड़कों पर देखा गया कि कुछ मुट्ठी भर लोग जो कहीं ओर से संचालित हो रहे थे उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल की और सुदेश शर्मा की पकड़ को ढीला करने की कोशिश की। जो तस्वीर उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल की पेश की उससे लग रहा था कि वह खुद ही अपने आप को विधानसभा का चेहरा मान रहे थे। कहि यह षड्यंत्र किसी के द्वारा प्रायोजित तो नहीं, क्योंकि मोदीनगर विधानसभा की सीट आज राष्ट्रीय लोक दल के खाते में जाती हुई दिख रही है तो राष्ट्रीय लोक दल के जो भी विरोधी हैं उन्होंने अपना दांव चल दिया। क्योंकि जो ज्ञापन एक जुट राष्ट्रीय लोकदल को राज्यपाल महोदय के लिए उपजिलाधिकारी महोदय को देना था वहां पर कुछ लोग दलों के रूप में दिखाई दिए और उन्होंने आलाकमान की बात को भी अनदेखा करते हुए दूसरी बार जो ज्ञापन दिया जा चुका था उसे फिर से दे दिया। जिसे देखकर लगता है कि वह इस सीट को हराने का काम कर रहे हैं। जरूरत है कि आलाकमान अपनी नजर इस प्रकरण पर डालें वरना उनकी अब तक की सब मेहनत पर पानी फिर सकता है।
राष्ट्रीय लोक दल सुदेश शर्मा की छवि खराब करने के लिए कहीं यह षड्यंत्र तो नहीं
मोदीनगर. अभी कुछ माह पूर्व हुए जिला पंचायत व बीडीसी चुनाव में सत्ता पक्ष द्वारा पैदा की गई कठिनाइयों के बावजूद राष्ट्रीय लोक दल ने पूरे प्रदेश में बहुत बड़ी सफलता हासिल की थी क्योंकि चुनाव आम जनता ने किया था तो सत्ता के प्रति उनकी नाराजगी देखी जा सकती थी बिना विपक्ष के सत्ता कितनी निरंकुश हो जाती है यह सभी ने देखा और सभी ने जाना। अब-जब एक या दो दल पूरे प्रदेश में चुनाव में सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं तो कहीं आपसी गुटबाजी इस अभियान में पलीता ना लगा दे। राष्ट्रीय लोक दल के नए अध्यक्ष जयंत चौधरी जिन्होंने अध्यक्ष पद की कमान संभालते ही कई बड़े फेरबदल संगठन में किए। वह अपने सटीक निर्णय के लिए जाने जाते हैं। वह एक ऐसे अध्यक्ष के तौर पर जाने जाते हैं जो किसी जाति, विशेष धर्म, विशेष या व्यक्ति विशेष के अध्यक्ष नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के प्रतिनिधित्व की बात करते हैं। मोदीनगर विधानसभा 2012 में पहली बार राष्ट्रीय लोक दल ने यह सीट जीती तो उसका चेहरा रहे सुदेश शर्मा जो 33 प्रतिशत से भी अधिक वोट पाने में सफल रहे जो विधानसभा क्षेत्र में आज भी सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। जिनसे सत्ता पक्ष भी एक तरह से चिंतित रहता है। लेकिन जिस तरह से 28 अगस्त को सड़कों पर देखा गया कि कुछ मुट्ठी भर लोग जो कहीं ओर से संचालित हो रहे थे उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल की और सुदेश शर्मा की पकड़ को ढीला करने की कोशिश की। जो तस्वीर उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल की पेश की उससे लग रहा था कि वह खुद ही अपने आप को विधानसभा का चेहरा मान रहे थे। कहि यह षड्यंत्र किसी के द्वारा प्रायोजित तो नहीं, क्योंकि मोदीनगर विधानसभा की सीट आज राष्ट्रीय लोक दल के खाते में जाती हुई दिख रही है तो राष्ट्रीय लोक दल के जो भी विरोधी हैं उन्होंने अपना दांव चल दिया। क्योंकि जो ज्ञापन एक जुट राष्ट्रीय लोकदल को राज्यपाल महोदय के लिए उपजिलाधिकारी महोदय को देना था वहां पर कुछ लोग दलों के रूप में दिखाई दिए और उन्होंने आलाकमान की बात को भी अनदेखा करते हुए दूसरी बार जो ज्ञापन दिया जा चुका था उसे फिर से दे दिया। जिसे देखकर लगता है कि वह इस सीट को हराने का काम कर रहे हैं। जरूरत है कि आलाकमान अपनी नजर इस प्रकरण पर डालें वरना उनकी अब तक की सब मेहनत पर पानी फिर सकता है।