यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध होता है-रामोतार शास्त्री
मनुष्यों को अपने शुभ और अशुभ कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है - डा.वेद पाल
गाजियाबाद,वीरवार,24 फरवरी 2022 को आर्य समाज नया गंज के 125वें चतुर्थदिवसीय वार्षिक उत्सव का शुभारंभ धर्माचार्य राम अवतार शास्त्री द्वारा महायज्ञ करा कर प्रारंभ हुआ।वेदपाठ सर्वश्री गौरव शास्त्री एवं उदयवीर शास्त्री ने किया,मुख्य यज्ञमान श्रीमती एवं श्री संदीप आर्य रहे।
यज्ञोप्रांत भुवनेश्वर दत्त शर्मा की अध्यक्षता में सभा प्रारंभ हुई महायज्ञ के ब्रह्मा धर्माचार्य राम अवतार शास्त्री ने यज्ञ महिमा की चर्चा करते हुए बताया कि भोजन, पानी के बिना व्यक्ति कुछ दिन जीवित रह सकता है,परन्तु प्राण वायु के बिना चन्द मिनट भी नहीं रह सकता।यज्ञ से जल वायु शुद्ध होती है,यज्ञ शुद्ध वायु का लंगर है जो प्राणी मात्र को बराबर बांटता है।अतः इस परोपकार के कार्य पर्यावरण शुद्धि को सभी को नित्य करना चाहिए।
बिजनौर से पधारे सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक श्री कुलदीप विद्यार्थी,साथी कलाकारों एवं प्रवीण आर्य द्वारा यज्ञ महिमा और ईश्वर भक्ति के गीतों को सुनकर श्रोता झूम उठे।
मुख्य वक्ता के रूप में मेरठ से पधारे वैदिक विद्वान डा.वेद पाल जी ने कर्मफल व्यवस्था विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम सब दुनियां के इंसान एक परमात्मा की संतान हैं यदि ऐसा सब समझ जाएं तो दुनिया में तनातनी खत्म हो सकती है।वेद जिस ईश्वर की बात करता है वह मानव मात्र के लिए है।ईश्वर हम सबके अंदर व्याप्त है।कर्म करने में हम स्वतंत्र हैं,परन्तु फल उसके अधीन है।अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मों का बुरा फल अवश्य भोगना पड़ता है,इसलिए हमें अच्छे पर उपकार के कार्य करने चाहिएं।
मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंत्री तेजपाल सिंह ने करते हुए बताया की वीरवार से प्रारंभ हुए वार्षिक उत्सव में तीन दिन 26 फरवरी तक प्रातः 8 से 11 तक एवं सायं कालीन सत्र 3 से 6 बजे तक में विभिन्न सम्मेलन होंगे एवं रविवार,27 फरवरी को प्रातः 8 से दोपहर 1 बजे तक समापन समारोह होगा,उन्होंने अधिक से अधिक आर्य जनों से उपस्थित रहने की अपील की।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री वी के धामा,राजेश्वर शर्मा, मुनींद्र आर्य,ऊषा अग्रवाल,अजय आर्य,डी के शुक्ला,उल्फत राय, आशा आर्या,शारदा गुप्ता एवं प्रमोद शास्त्री आदि मौजूद रहे।