12 से 16 वर्ष के लड़कों में हाई कोलेस्ट्रोल,चिड़चिड़ापन, घुटने और कमर में दर्द की समस्या देखने को मिली। वहीं लड़कियों में मोटापा, अनियमित मासिक धर्म और इंसुलिन का बढ़ा हुआ स्तर देखने को मिलेगा। ऐसी किशोरों की संख्या करीब 30 प्रतिशत थी। वहीं, माहवारी की अनियमिता से जूझ रही लड़कियों की संख्या करीब 60 प्रतिशत थी।
इस शोध में 12 से 16 वर्ष के लड़कों में हाई कोलेस्ट्रोल,चिड़चिड़ापन, घुटने और कमर में दर्द की समस्या देखने को मिली। वहीं लड़कियों में मोटापा, अनियमित मासिक धर्म और इंसुलिन का बढ़ा हुआ स्तर देखने को मिलेगा। ऐसी किशोरों की संख्या करीब 30 प्रतिशत थी। वहीं, माहवारी की अनियमिता से जूझ रही लड़कियों की संख्या करीब 60 प्रतिशत थी।
भोपाल में जून 2020 से दिसंबर 2021 तक 100 किशोरों पर हुए शोध में यह बात सामने आई थी अनियमित दिनचर्या और खराब जीवनशैली के कारण हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या हुई। लड़कों में चिड़चिड़ापन मोटापा या वक्त पर दाढ़ी मूंछ ना आना जैसी समस्या होती है। वही लड़कियों में मोटापा मासिक धर्म में अनियमितता और अनचाहे बाल आने की समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन और कोरोनावायरस हुई अनियमित जीवनशैली, जंक फूड का अधिक सेवन और व्यायाम ना करना जैसे कारणों की वजह से ऐसा हुआ। किशोरावस्था में कुछ हार्मोन्स स्त्रावित होते हैं जो बच्चों के विकास में सहायक होते हैं। अगर ये हार्मोंस असंतुलित हो जाएं तो इससे कई समस्याएं होने लगती है।