सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कमजोर बैंकों में डालेगी पूंजी

सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कमजोर बैंकों में डालेगी पूंजी

आरबीआई के अनुसार, पिछले साल शून्य-कूपन बांड के माध्यम से किए गए निवेश का शुद्ध वर्तमान मूल्य अंकित मूल्य से काफी कम है, क्योंकि उन्हें छूट पर जारी किया गया था। ये विशेष प्रतिभूतियां 10-15 वर्ष की अवधि वाली हैं, और ब्याज रहित हैं।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने इन उपकरणों के उचित मूल्यांकन पर कुछ चिंताएं जताई थीं। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई के अनुसार, पिछले साल शून्य-कूपन बांड के माध्यम से किए गए निवेश का शुद्ध वर्तमान मूल्य अंकित मूल्य से काफी कम है, क्योंकि उन्हें छूट पर जारी किया गया था। ये विशेष प्रतिभूतियां 10-15 वर्ष की अवधि वाली हैं, और ब्याज रहित हैं। इस महीने की शुरुआत में पंजाब एंड सिंध बैंक के बोर्ड ने सरकार को तरजीही शेयर जारी करके 4,600 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाने की मंजूरी दी थी। सूत्रों ने कहा कि इसी तरह अन्य बैंक पूंजी जुटाने के बारे में मार्च में फैसला करेंगे।