बिजनौर। डीएम उमेश मिश्रा के तेवर देखकर अधिकारियों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया) के जो अधिकारी आठ महीने से बैराज रोड की मरम्मत नहीं करा रहे थे, उन्होंने कुछ ही देर में गड्ढों को भरवाने के लिए काम शुरू करा दिया। काम के लिए टेंडर का भी इंतजार नहीं किया। विभाग के अफसरों की फुर्ती देखकर उम्मीद की जा रही है कि काम एक दो दिन में ही पूरा कर लिया जाएगा।
बैराज रोड जिले की मुख्य सड़क है। यह उत्तराखंड को यूपी, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से जोड़ती है। बैराज रोड पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। यहां कई जगह तो एक-एक फुट गहरे गड्ढे हैं। बदहाल सड़क पर हादसे होना भी आम बात हो गई है। एनएचएआइ ने पहले बरसात का बहाना बनाकर सड़क की मरम्मत नहीं कराई और बाद में भी टरकाते रहे। एनएचएआइ के अधिकारियों से परेशान होकर डीएम ने एक बार बैठक में कहा था कि अगर किसी भी सड़क पर किसी राहगीर की गड्ढे की वजह से मौत हुई तो संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। फिर भी विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगी। हाल ही में सपा और रालोद की संयुक्त जनसभा में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने भी बैराज रोड की बदहाली का मुद्दा उठाया था।
अब डीएम के हाथों गिरफ्तारी की तलवार लटकते ही कछुए की गति से काम करने वाले अफसरों ने बिजली की सी तेजी से सड़क के गड्ढे भरवाने का काम शुरू करा दिया है। खास बात ये है कि अभी इस सड़क के गड्ढे भरने के लिए टेंडर भी नहीं हुआ है। डीएम अगर अपना सख्त रवैया नहीं दिखाते तो शायद अब भी सड़क की मरम्मत शुरू नहीं हो पाती। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर आयुष चौधरी के अनुसार बैराज रोड को जल्दी ही गड्ढामुक्त कर दिया जाएगा।