लैंगिक समानता वाला देश बनने की ओर अग्रसर है भारत : राष्ट्रपति कोविंद

लैंगिक समानता वाला देश बनने की ओर अग्रसर है भारत : राष्ट्रपति कोविंद

प्रतिरूप फोटो

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैंने अधिकांश दीक्षांत समारोहों में गौर किया है कि हमारी बेटियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। महिलाओं द्वारा यह उत्कृष्ट प्रदर्शन भविष्य में भारत के लैंगिक समानता वाला देश बनने का प्रतिबिंब है। मैं प्रत्येक बेटी को आज उनकी विशिष्ट उपलब्धि के लिए अपनी विशेष बधाई देता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि आज लगभग 1,250 छात्रों ने स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, जिनमें से लगभग 45 प्रतिशत छात्राएं हैं।’’ तेजपुर विश्वविद्यालय के ‘विजिटर’ कोविंद ने कहा कि जिन 47 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है, उनमें से 27 लड़कियां हैं और यह संख्या स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों की कुल संख्या में आधे से अधिक है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैंने अधिकांश दीक्षांत समारोहों में गौर किया है कि हमारी बेटियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। महिलाओं द्वारा यह उत्कृष्ट प्रदर्शन भविष्य में भारत के लैंगिक समानता वाला देश बनने का प्रतिबिंब है। मैं प्रत्येक बेटी को आज उनकी विशिष्ट उपलब्धि के लिए अपनी विशेष बधाई देता हूं।’’

उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से इसे नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बनाने और स्थानीय एवं राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान प्रदान करने का प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे असम के कई गांवों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजपुर विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए अभिनव समाधानों के बारे में जानकर प्रसन्नता हो रही है। विश्वविद्यालय के गांवों के साथ जुड़ाव का दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा,‘‘ केंद्र सरकार के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के एक विजिटर के रूप में, मैं संस्थानों को कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की तर्ज पर विश्वविद्यालयों की सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता रहा हूं।’’

कोविंद ने कहा कि ग्रामीण आबादी के साथ छात्रों की भागीदारी विश्वविद्यालयों की सामाजिक जिम्मेदारी (यूएसआर) की प्रमुख विशेषताओं में से एक है और तेजपुर विश्वविद्यालय इस पहल के तहत कुछ गांवों को उनके समग्र विकास में मदद के लिए गोद ले सकता है। उन्होंने उत्तीर्ण छात्रों से पूर्वोत्तर से जैविक कृषि उत्पादों के प्रचार और विपणन में सक्रिय रूप से भाग लेने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि विश्वविद्यालय को कटहल और खाने के लिए तैयार अनाज आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए ‘प्राइम मिनिस्टर फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम’ के तहत एक ‘इन्क्यूबेशन सेंटर’ स्थापित करने के लिए मंजूरी मिली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, मुझे असम के अनूठे जोहा चावल की याद आ रही है, जो अपने उत्कृष्ट स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। असम के विश्वविद्यालय चावल की इस अनूठी किस्म की ब्रांडिंग, उसे लोकप्रिय बनाने और विपणन में किसानों की मदद कर सकते हैं। कई ऐसे कृषि उत्पाद हैं जिन्हें बढ़ावा दिया जा सकता है।’’ राष्ट्रपति ने जैव विविधता के संरक्षण में असम सरकार के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि वह प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करके वहां की पहल का जायजा लेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘असम को प्रकृति की असाधारण सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता का उपहार मिला है। इसे संरक्षित किया जाना है। असम के प्रत्येक निवासी, विशेष रूप से युवाओं को, संरक्षण और सतत विकास के मोर्चों पर बहुत सक्रिय होना चाहिए।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश भर के छात्रों को व्यक्तिगत सीखने के अनुभव के साथ विश्व स्तरीय सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।