शिप्रा तट के अलावा महाकाल मंदिर में 1 लाख 51 हजार दीपक, मंगल नाथ मंदिर में 11000 दीपक, काल भैरव मंदिर एवं घाट पर 10,000 दीपक, गढ़कालिका मंदिर में 1,100 दीपक , सिद्धवट मंदिर एवं घाट पर 6000 दीपक, हरसिद्धि मंदिर में 5000 दीपक, टावर चौक पर 1 लाख दीपक और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी 2 लाख दीपक जलाए गए।
दरअसल गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने इसे दीपों का सबसे बड़ा प्रदर्शन करार दिया और विश्व रिकॉर्ड बनने का प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदान किया है।
वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भगवान भोले शंकर से हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए। भगवान शंकर ने जिस तरह से विष पीया, दुनिया को बचाने के लिये संघर्ष किया और ऐसे ही हमें भी दूसरों की सेवा के लिए त्यागर करना चाहिए।
बताया जा रहा है कि शिप्रा तट के अलावा महाकाल मंदिर में 1 लाख 51 हजार दीपक, मंगल नाथ मंदिर में 11000 दीपक, काल भैरव मंदिर एवं घाट पर 10,000 दीपक, गढ़कालिका मंदिर में 1,100 दीपक , सिद्धवट मंदिर एवं घाट पर 6000 दीपक, हरसिद्धि मंदिर में 5000 दीपक, टावर चौक पर 1 लाख दीपक और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी 2 लाख दीपक जलाए गए।