भारतीय सेना के प्रवक्ता ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि 11 मार्च को भारत की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर 15वें दौर की चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई। दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ प्रासंगिक मुद्दों के समाधान के लिए 12 जनवरी को आयोजित पिछले दौर की अपनी चर्चा को आगे बढ़ाया।
चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के 15 वें दौर में भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा कि वे जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए। उन्होंने पुष्टि की कि इस तरह के प्रस्ताव से पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ शांति और शांति बहाल करने और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। दोनों पक्ष अंतरिम रूप से पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमत हुए।
भारतीय पक्ष ने ‘देपसांग बल्ज’ और डेमचोक में मुद्दों को हल करने समेत टकराव वाले शेष स्थानों पर जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर दिया। वार्ता के दौरान हॉट स्प्रिंग्स (पेट्रोलिंग प्वाइंट-15) क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया। भारत और चीन के बीच 14वें दौर की बातचीत 12 जनवरी को हुई थी और टकराव वाले शेष स्थानों गतिरोध का हल करने में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई थी।