मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई के बीच देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन का होगा संचालन


मेट्रो से अधिक सुविधाजनक सफर का एहसास कराएगी देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन

गाजियाबाद: यदि आप कम खर्च में बेहतर सुविधाओं के साथ सफर का आनंद लेना चाहते हैं तो तैयार हो जाएं। मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई के बीच देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन का संचालन होगा। कंप्यूटर सिस्टम से चलने वाली यह रैपिड ट्रेन एक तरफ यात्रियों के सफर को मेट्रो से भी अधिक सुविधाजनक बनाएगी तो दूसरी तरफ एनसीआर में जाम, प्रदूषण की समस्या से भी निजात दिलाएगी। सामान्य किराए पर ही मरीजों को स्ट्रेचर पर अस्पताल तक लाने और ले जाने की व्यवस्था भी रैपिड ट्रेन में होगी। ऐसे में विशेष परिस्थिति में किसी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए ट्रैफिक रोककर ग्रीन कारिडोर बनाने की आवश्यकता नही पड़ेगी। सुरक्षा व्यवस्था इतनी पुख्ता होगी कि यदि किसी यात्री का कपड़ा भी गेट में फंस जाएगा तो रैपिड ट्रेन नहीं चलेगी। ऐसे में हादसा की संभावना कम होगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कारिडोर का निर्माण कार्य नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा किया जा रहा है। इस कारिडोर पर नींव का कार्य 90 फीसद हो गया है। 17 किलोमीटर लंबे साहिबाबाद से दुहाई के बीच के प्राथमिक खंड में सिविल कंस्ट्रक्शन का कार्य 90 फीसद हो चुका है। स्टेशन आकार लेने लग गए है। मेट्रो से अलग ये सुविधाएं मिलेंगी: यात्रियों की उत्सुकता को देखते हुए बुधवार को एनसीआरटीसी के मैनेजिग डायरेक्टर विनय कुमार सिंह ने दुहाई डिपो में रैपिड ट्रेन का लाइव साइज माडल कोच दिखाते हुए बताया कि रैपिड ट्रेन के कोच में सामान रखने के लिए लगेज रैक, मोबाइल और लैपटाप चार्ज करने के लिए चार्जिंग पाइंट, इंटरनेट की सुविधा के लिए वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी, जो मेट्रो में नही है। इसके साथ ही इन्फोटेनमेंट सिस्टम, आटो नियंत्रण प्रकाश व्यवस्था, तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी। सीसीटीवी कैमरे प्रत्येक कोच में लगे होंगे। शताब्दी ट्रेन की तरह बैठने के लिए कोच में दोनों तरफ दो-दो सीट होगी। एक कोच में कुल 60 सीट होगी। ऐसे में रैपिड ट्रेन के बाहर दोनों तरफ का दृश्य यात्री आसानी से देख सकेंगे। इसके साथ ही रैपिड ट्रेन के स्टेशन को नजदीकी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा। यात्री दूसरे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल आसानी से कर सकेंगे। एक रैपिड ट्रेन में होंगे छह कोच: छह कोच की रैपिड ट्रेन में एक कोच प्रीमियम क्लास के लिए, एक महिलाओं के लिए, चार कोच स्टैंडर्ड क्लास के लिए होगा। प्रत्येक कोच में महिला, वरिष्ठजन और दिव्यांगजन के लिए सीट आरक्षित होगी। दोनों तरफ सीट के बीच में पर्याप्त मात्रा में खाली जगह होगी, जहां पर यात्री खड़े होकर आराम से सफर कर सकेंगे। रैपिड ट्रेन की डिजाइन इस प्रकार है कि ये 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है। 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से रैपिड ट्रेन दौड़ेगी और इसकी औसत गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। रैपिड ट्रेन शुरुआत में 10-15 मिनट के बीच स्टेशन पर उपलब्ध रहेगी। जरूरत पड़ी तो प्रत्येक तीन मिनट में रैपिड ट्रेन स्टेशन पर उपलब्ध हो, यह व्यवस्था की जाएगी। इसकी संभावना है कि रात 12 बजे से सुबह छह बजे के बीच रैपिड ट्रेन का संचालन नहीं किया जाएगा। सामान लाने- ले जाने के लिए अलग से रैपिड लगेज ट्रेन का संचालन करने पर भी एनसीआरटीसी द्वारा विचार किया जा रहा है। जिससे कि सड़कों पर ट्रक सहित अन्य भारी वाहन का आवागमन कम हो सके।

  दिल्ली के यात्रियों को 2025 तक करना होगा इंतजार: विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक खंड के बाद इस प्रोजेक्ट का विस्तार मेरठ की ओर किया जाएगा, मुरादनगर, मोदीनगर, मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में कार्य होगा। 2024 में मेरठ से साहिबाबाद तक यात्री रैपिड ट्रेन में सफर कर सकेंगे। तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच कार्य पूरा होगा। वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती नजर आएगी। इससे है। उम्मीद है कि आठ लाख से अधिक लोग रोजाना दिल्ली से मेरठ के बीच सफर करेंगे।