स्वप्नशास्त्र में यह भी कहा गया है कि रात के अलग-अलग प्रहर में देखे गए सपनों का फल अलग-अलग समय में मिलता है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि किस समय देखे गए सपने सच होते हैं। अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आज का लेख जरूर पढ़ें।
स्वप्नशास्त्र के अनुसार, रात के 10 बजे से 12 बजे के बीच देखे गए सपने का कोई अर्थ नहीं होता है। ऐसे सपनों का कोई फल नहीं मिलता है। आमतौर ऐसा कहा जाता है कि यह सपने दिन में हुई घटनाओं का ही दिमाग पर असर होता है।
स्वप्नशास्त्र के मुताबिक, रात के पहले प्रहर यानी 1 से 2 बजे के बीच में देखे गए सपनों का फल आमतौर पर एक साल के अंदर मिलता है।
ऐसा माना जाता है कि रात के दूसरे प्रहर यानी 3 से 4 बजे के बीच देखे गए अक्सर सच होते हैं। स्वप्नशास्त्र के अनुसार, इस समय में देखे गए सपने का फल 6 महीने के अंदर मिलता है।
स्वपनशास्त्र के अनुसार, रात के तीसरे प्रहर यानी 4 से 5 बजे के बीच देखे गए सपने अक्सर सच होते हैं। शास्त्रों में इस समय को अमृत बेला, चंद्र बेला और ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस वक्त में दैवीय शक्तियों का भूमंडल की वस्तुओं पर प्रभाव रहता है। ऐसे सपनों का फल आपको 3 महीने के अंदर मिल जाता है।
रात के चौथे प्रहर यानी 5 से 6 बजे के बीच देखे गए सपनों का फल 1 महीने में ही मिल जाता है। यह वो समय होता है जब रात खत्म होने को होती है। इसलिए इसे सुबह का सपना भी कहते हैं। अगर आप इस वक्त कोई सपना देखते हैं तो इसका फल आपको जल्द ही मिल सकता है।