भारत के मुख्य त्यौहारों में शामिल होली का त्यौहार विविधता को एक रूप में स्थापित करते हुए सामाजिक एकता का बोध कराने वाला है। जिस प्रकार अनेक रंग मिलकर एक नया रंग बनाते हैं, उसी प्रकार भारत के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले जन भी एक ही भाव से होली का त्यौहार मनाते हैं।
रंगों की मस्ती से सराबोर करने,
होली का यह पावन पर्व है आया,
लोगों के भुला आपसी बैर भाव,
झोली खुशियों से भरने है आया।
रंग-बिरंगे रंगों में शक्ति है इतनी,
लोगों के भुलाकर क्षण में दुखदर्द,
खेलकर होली व्यक्ति पल भर में ही,
सकारात्मक ऊर्जा से है नहाया।
उद्वेलित मन भी देख पावन पर्व पर,
रंग-बिरंगे रंगों की अद्भुत छटा,
पलभर में शांत होकर खुशियों से,
तरोताजा होकर असीम आनन्द पाया।
देखा है हमने बहुत सारे लोगों को,
जो डूबे रंगोत्सव के जश्न में इतने,
भुला दिये जिन्होंने पलभर में ही,
जीवन के सभी बुरे सपने अपने।
होली की मस्ती में अपनों के साथ,
ढ़ोल की थाप पर जब नाच रहे थे आप,
मन चहक रहा था आप चमक रहे थे,
दिलोदिमाग से सारे दुखदर्द उस पल विदा हो रहे थे।
ह्रदय में उठ रहा था नव ऊर्जा का ज्वार-भाटा,
जो दे रहा खुशियों की नयी उमंग,
फूलों सी कोमल हम लोग की जिंदगी में,
ईश्वर भर रहे थे होली पर खुशियों के विविध रंग।
देखा हमने जब भी जीवन पथ पर,
नजरें अपनी आगे-पीछे घुमाकर,
याद आया हमको पैसा नहीं है सबकुछ,
प्यार मोहब्बत में ही बसते हैं जीवन की खुशियों के रंग।
हम तो ईश्वर से प्रार्थना करते हैं हर पल,
होली पर खुशियों से भर दे सबकी झोली,
देश में हर तरफ नज़र आये विकास की नयी रंगोली,
अमन-चैन भाईचारे एकता अखंडता से सराबोर होली ।।
- दीपक कुमार त्यागी
वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार, रचनाकार व राजनीतिक विश्लेषक