भारत के यह गणेश मंदिर हैं बेहद प्राचीन, जानिए

भारत के यह गणेश मंदिर हैं बेहद प्राचीन, जानिए

मनाकुला विनयगर मंदिर का निर्माण फ्रांसीसी क्षेत्र पांडिचेरी के दौरान किया गया था जो 1666 साल पहले का है। ऐसा माना जाता है कि यहां की गणेश प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंका गया था, लेकिन यह हर दिन उसी स्थान पर फिर से प्रकट होती है।

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

यह मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय गणपति मंदिरों में गिना जाता है, जहां पर दर्शन करने के लिए हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान इस मंदिर की रौनक बस देखते ही बनती है। इसे ठेकेदार लक्ष्मण विथु पाटिल ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि यहां पर आने वाली निःसंतान महिलाओं को लाभ मिलता है। मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित यह सिद्धिविनायक गणपति मंदिर रात के समय बहुत सुंदर दिखता है।

कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर

यह खूबसूरत मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुपति से लगभग 75 किमी दूर स्थित है। यह भारत के सर्वश्रेष्ठ प्राचीन गणपति मंदिरों में से एक है, जो अपनी ऐतिहासिक संरचना और आंतरिक डिजाइन के लिए जाना जाता है। यहां पर देश के विभिन्न हिस्सों से भक्तगण भगवान गणेश की पूजा करने के लिए आते हैं, जिनकी मूर्ति के माथे पर तीन रंग हैं, सफेद, पीला और लाल। बता दें कि इस मंदिर का निर्माण चोल राजा कुलोथिंग्स चोल प्रथम ने 11वीं शताब्दी में करवाया था।

मधुर महागणपति मंदिर, केरल

यह केरल में स्थित एक प्राचीन मंदिर है, जिसे 10वीं सदी में बनाया गया था। केरल के कासरगोड में मधुवाहिनी नदी के तट पर स्थित इस मंदिर का निर्माण कुंबला के मायपदी राजाओं द्वारा करवाया गया था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में भगवान गणेश की एक मूर्ति है, जो पत्थर या मिट्टी से नहीं बल्कि एक अलग सामग्री से बनी है। इस मंदिर के पीठासीन देवता भगवान शिव हैं, हालांकि, भगवान गणेश की मूर्ति की विशिष्टता इस मंदिर को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाती है। मंदिर में एक तालाब है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें औषधीय और उपचारात्मक गुण हैं जो त्वचा की बीमारी या अन्य दुर्लभ बीमारी को भी ठीक कर सकते हैं।

मनाकुला विनयगर मंदिर, पुडुचेरी

मनाकुला विनयगर मंदिर का निर्माण फ्रांसीसी क्षेत्र पांडिचेरी के दौरान किया गया था जो 1666 साल पहले का है। ऐसा माना जाता है कि यहां की गणेश प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंका गया था, लेकिन यह हर दिन उसी स्थान पर फिर से प्रकट होती है। ब्रह्मोत्सव और गणेश चतुर्थी मंदिर के दो सबसे महत्वपूर्ण त्योहार हैं, जिन्हें पुडुचेरी के लोगों द्वारा बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। मंदिर में एक हाथी है, जिस पर लोग सिक्का चढ़ाते हैं और सूंड के माध्यम से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।