बच्चे हमारी संस्कृति को जिन्दा रखे हुए हैं


हो सकता है अगले दो चार दिन आप कहीं रास्ते में जा रहे हों... और अचानक से  सनसनाता हुआ पानी या रंग की धार आप पर आकर गिरे....

तो गुस्सा न हों, न उन बच्चों को डांटे...

बल्कि खुद को भाग्यशाली समझें...कि आपको उन नादान हाथों ने चुना है, जो हमारी संस्कृति को जिन्दा रखे हुए हैं... जो उत्सव को जिन्दा रखे हुए हैं... 

ऐसे कम ही नासमझ मिलेंगे...वैसे भी सारे समझदार बच्चे  विडियोगेम, डोरेमोन और एंड्रॉइड के अंदर घुसे होंगे.. 

तो कृपया इन्हें हतोत्साहित न करें...

बल्कि यदि आप उन्हें छुपा देख लें तो जानबूझ कर वही से निकलें..

आपकी  शर्ट ज़रूर ख़राब हो सकती है, पर जब उनकी इस शरारत का जबाब आप मुस्कुराहट से देंगे तो उनकी ख़ुशी आपको  ख़ुशी रिटर्न करेगी, और...

होली ज़िन्दा रहेगी...

रंग ज़िन्दा रहेंगे...

उत्सव ज़िन्दा रहेगा....

बचपन ज़िन्दा रहेगा..