कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग के लिए नान फारेस्ट लैंड तलाश की जाएगी


मेरठ
। कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग के लिए शासन को 243 हेक्टेयर भूमि एनएफएल यानी नान फोरेस्ट लैंड नहीं मिल पा रही है। मेरठ, गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर जिलों से शासन को चिट्ठी पहुंची है। जिसमें भूमि न होने की जानकारी दी है। अब इसके अगले क्रम में प्रदेश के अन्य जनपदों में नान फारेस्ट लैंड तलाश की जाएगी। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि उप्र के जिलों में यह भूमि नहीं मिलती है तो फिर इसे प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों में तलाशने के लिए प्रक्रिया शुरू होगी। दिसंबर 2020 में शासन ने कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग के दांयी ओर नव-निर्माण के लिए 628.74 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की थी। लोक निर्माण विभाग द्वारा मेरठ, मुजफ्फरनगर व गाजियाबाद में 111.40 किमी में कांवड़ गंगनहर पटरी का दांयी ओर दोहरीकरण किया जाएगा। इस कार्य में प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टीविटी के लिए शासन ने 100 करोड़ की पहली किश्त जारी की थी।

फाइलों में बीता गंगनहर पटरी का एक साल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सरकार बनने के बाद चौ. चरण सिंह कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग के दोहरीकरण की घोषणा की थी। उसके बाद अक्टूबर 2020 में वित्तीय व्यय समिति की स्वीकृति मिली। दिसंबर 2020 में कैबिनेट ने 628.74 करोड़ की लागत पर मुहर लगाते हुए 100 करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी थी। एक साल से अधिक समय बीत गया, लेकिन फाइलों में ही गंगनहर पटरी की प्रक्रिया जारी है।