आपको शायद पता ना हो, लेकिन सबरीमाला मंदिर में यात्रा करते समय भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। मसलन, पवित्र मंदिर में प्रवेश करते समय भक्त एक विशिष्ट कलर कोड का पालन करते हैं, मसलन, वह या तो काला या नीला पहनते हैं।
भक्त फॉलो करते हैं कलर कोड
आपको शायद पता ना हो, लेकिन सबरीमाला मंदिर में यात्रा करते समय भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। मसलन, पवित्र मंदिर में प्रवेश करते समय भक्त एक विशिष्ट कलर कोड का पालन करते हैं, मसलन, वह या तो काला या नीला पहनते हैं। इसके अलावा, वे अपने माथे पर विभूति या चंदन का लेप भी लगाते हैं।
इस स्थान पर हुआ था महिषी का वध
सबरीमाला मंदिर का अपना एक पौराणिक महत्व है। यह मंदिर भगवान अयप्पा के इतिहास से संबंधित है और माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण उस भूमि पर किया गया था जहां उन्होंने महिषासुर की बहन महिषी का वध किया था। इसलिए, भक्तों के बीच इस मंदिर को लेकर एक अलग ही श्रद्धा देखने को मिलती है।
रामायण से भी संबंधित है मंदिर
सबरीमाला मंदिर का रामायण से भी एक कनेक्शन है, जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो। दरअसल, मंदिर का नाम भगवान राम की अनन्य भक्त शबरी के नाम पर पड़ा है। दरअसल,, पौराणिक कथाओं में दर्शाया गया है कि शबरी उन 18 पहाड़ियों के बीच रहती थी जहां यह मंदिर आज स्थित है, इसलिए मंदिर को सबरीमाला मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।