छात्रों को इस साल द्वितीय वर्ष की परीक्षा शुल्क में छूट नहीं


29 करोड़ था परीक्षा शुल्क, इसलिए नहीं छोड़ पा रहा विवि

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि की ओर से पिछले साल प्रमोट किए गए प्रथम वर्ष के छात्रों को इस साल द्वितीय वर्ष की परीक्षा शुल्क में छूट के मामले में अंतिम निर्णय कुछ नहीं हो सका। छात्रों ने शनिवार को भी विवि परिसर में जमकर हंगामा किया और परीक्षा शुल्क को लेकर हुई घोषणा को लागू करते हुए द्वितीय वर्ष के परीक्षा शुल्क में छात्रों को छूट देने की मांग की।

विवि की वित्त समिति की ओर से अक्टूबर 2021 में यह घोषणा की गई थी कि 2020-21 में प्रथम वर्ष के प्रमोट किए गए छात्रों को सत्र 2021-22 में द्वितीय वर्ष का परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा। इनमें बीए, बीकाम, बीएससी, एमए और एमकाम के छात्र थे। इन कोर्स के छात्रों ने पिछले साल प्रथम वर्ष की परीक्षा शुल्क के तौर पर करीब 29 करोड़ 71 लाख 670 रुपये जमा कराए थे। इनमें से सर्वाधिक शुल्क बीए प्रथम वर्ष के करीब 15.83 करोड़ रुपये जमा हुए थे। परीक्षा रद होने और बिना परीक्षा के छात्रों को प्रमोट किए जाने का निर्णय होने के बाद वित्त विभाग ने द्वितीय वर्ष में परीक्षा शुल्क में छूट की भी घोषणा कर दी थी। लेकिन घोषणा के बाद वित्त विभाग ने इस निर्णय को लागू करने की पहल नहीं की। न कोई बैठक हुई और न ही परीक्षा विभाग सहित तमाम विभागों को सूचित किया गया। 

छात्रों को मान्य नहीं विवि का निर्णय

अब सीसीएसयू के वित्त विभाग ने यह निर्णय लिया है कि जिन छात्रों ने एक भी पेपर की परीक्षा दी थी उन्हें द्वितीय वर्ष की परीक्षा शुल्क में कोई छूट नहीं मिलेगी। पिछले साल परीक्षा शुरू हुई थी और सभी छात्रों में कामन फाउंडेशन कोर्स का पेपर हो गया जिसमें अधिकतर छात्र शामिल हुए थे। विवि के इस निर्णय के अनुसार करीब सवा लाख छात्रों में कुछ ने ही परीक्षा नहीं दी। उस लिहाज से किसी को कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके खिलाफ छात्रों ने शनिवार को वित्त अधिकारी का घेराव कर शुल्क के नाम पर छात्रों से ली गई धनराशि का घोटाला करने का आरोप लगाया है। कुलपति ने लगाई फटकार

कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने वित्त समिति के पदाधिकारियों को इस मामले में हुई गड़बड़ी पर फटकार लगाई है। कुलपति ने कहा कि जब इस तरह का कोई निर्णय हुआ था तो उन्हें इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई। न ही इस बाबत कोई बैठक ही हुई।