नहाली गांव में बृहस्पतिवार देर रात एक भवन में विस्फोट, पूरा भवन जमींदोज

मोदीनगर भोजपुर थाना क्षेत्र के नहाली गांव में बृहस्पतिवार देर रात एक भवन में विस्फोट हो गया, जिससे पूरा भवन जमींदोज हो गया। मलबे के नीचे लाखों रुपये का किराना का सामान, चक्की, खल, चूरी आदि सामान दब गया। साथ ही आग लगने से पूरा सामान भी जलकर राख भी हो गया। पुलिस प्रशासन प्रकरण की विभिन्न पहलुओं से छानबीन कर रहा है।


नहाली के शकील गांव में ही एक ही छत के नीचे खल चूरी, किराना की दुकान, आटा चक्की चलाते हैं। बृहस्पतिवार देर रात वे भवन का ताला बंद कर अपने घर चले गए। करीब 12:30 बजे भवन के अंदर तेज धमाका हुआ। आवाज सुनकर शकील व आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। तब तक पूरा भवन जमींदोज हो चुका था। अंदर के सामान में आग लग चुकी थी। चारों तरफ धुंआ ही धुंआ नजर आ रहा था। आवाज इतनी तेज थी कि पड़ोसी जावेद के मकान का एक हिस्सा भी नीचे गिर गया। इसमें उनके तीन पशु भी दब गए। हालत यह थी कि आसपास के कई अन्य मकानों में भी दरार आ गई। अफरा-तफरी के बीच इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दमकल विभाग को जानकारी दी। करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सुबह होने पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। 

शार्ट सर्किट से आग की आशंका :

पुलिस ने विस्फोटक सामग्री होने से इंकार किया है। आशंका जताई जा रही है कि शार्ट सर्किट के कारण आग लगी है या तो अंदर रखी बैट्री या फ्रिज का कंप्रेसर फटने से इतना तेज धमाका हुआ है। हालांकि, लोगों का यह भी कहना है कि इतना तेज धमाका कंप्रेसर या बैट्री फटने से नहीं हो सकता। पीड़ितों के सामने भुखमरी की नौबत : ध्यान रहे कि शकील के कारोबार से चार परिवारों का पेट पलता था। उनकी आमदनी का यही एकमात्र मुख्य जरिया था। नुकसान होने से उनके परिवार के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। किस्मत से बच गई जान

शकील ने बताया कि माह की पहली तारीख से लेकर पांच, छह तारीख तक राशन न मिलने के कारण पिसाई की काम कम आता है। राशन मिलने के बाद काम ज्यादा हो जाता है जिसके चलते एक सप्ताह तक चक्की रात-दिन चलानी पड़ती है। उस दौरान परिवार के दो-तीन लोग हर वक्त काम में लगे रहते हैं। काम कम होने की वजह से गुरुवार रात को वे 11 बजे के आसपास ही शटर बंद कर घर चले गए। 

गनीमत रही कि जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त परिवार का कोई सदस्य वहां नहीं था। विभिन्न पहलुओं से मामले की छानबीन की जा रही है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मौके पर फारेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। जांच की जा रही है। जांच के बाद ही सही स्थिति सामने आएगी।


-शुभांगी शुक्ला
, एसडीएम

विस्फोट होने की बात फिलहाल गले नहीं उतर रही है। तेज आवाज जरूर हुई है। मकान की दीवारें, मिट्टी से बनी थीं, पिलर भी कमजोर थे। छानबीन में यह भी सामने आया है कि पहले भी भवन में दरारें आईं हुई थी। इसी वजह से वह गिर गया। फारेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। रिपोर्ट आने के बाद भी कई तथ्य सामने आएंगे।


नहाली गांव में हुई विस्फोट की घटना को पुलिस अधिकारी भले ही छोटा हादसा बताकर दबाने में लगे हैं, लेकिन इसकी गहनता से जांच चल रही है। विभागीय स्तर पर इसको गंभीरता से लिया जा रहा है। खुफिया विभाग को भी गांव में अलर्ट किया गया है। जो गांव के लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। पूरी मानिटरिग की रिपोर्ट जिला स्तर पर भेजी जा रही है। शुक्रवार को घटनास्थल का मुआयना कर वहां से साक्ष्य भी इकट्ठा किए गए हैं। नहाली गाजियाबाद जिले का सीमावर्ती गांव होने के साथ संवेदनशील श्रेणी में आता है। 2017 में एनआईए टीम पर हमला कर बदमाश को भगाने के बाद यह गांव चर्चा में आया। इसकी गूंज पूरे देश तक गई। हुआ यूं था कि सितंबर 2017 में पंजाब के लुधियाना में आरएसएस नेता रविद्र गोसाई की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले की जांच में सामने आया कि बदमाशों को नहाली के मलूक ने हथियार सप्लाई किए थे। उसकी तलाश में एनआईए, एसओजी व स्थानीय पुलिस गांव नहाली पहुंची। जैसे ही मलूक को पकड़कर टीम ले जाने लगी तो ग्रामीणों ने बुग्गियां लगाकर रास्ता रोक दिया। गांव की महिलाओं ने टीम पर पथराव कर दिया। इस बीच मलूक पुलिस पर फायरिग करते हुए वहां से भाग गया। इसमें एक सिपाही के पैर में भी गोली लगी थी। पुलिस की कई गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। तभी से नहाली पर अधिकारियों की विशेष नजर रहती है। उधर, नहाली गांव में आए दिन पुलिस हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती है। यहां गोकशी भी घटनाएं भी आए् दिन होती हैं। भोजपुर थाना प्रभारी मुन्नेश सिंह का कहना है कि घटनास्थल पर फारेंसिक टीम को बुलाया गया था। पूरी घटना से उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।