- कोरोना वैक्सीन के मिक्स डोज का बड़ा फायदा
- ICMR की स्टडी में हुआ खुलासा, कोरोना के वेरिएंट के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी
- यूपी के एक शख्स को गलती से दे दिया गया था कोविशील्ड और कोवैक्सीन का डोज
- पुणे: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) का मिक्स डोज बेहतर इम्युनिटी दे रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) की स्टडी के अनुसार दोनों वैक्सीन को मिक्स करने का बेहतर असर हुआ है। रिसर्च में पाया गया है कि वैक्सीन की मिक्स डोज कोरोना के B.1.अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट और ओमीक्रोन के खिलाफ ज्यादा इम्युनिटी दे रहा है।
- स्टडी में पाया गया है कि एक वैक्सीन की जगह दोनों वैक्सीन का कॉकटेल कोरोना के खिलाफ ज्यादा प्रभावी पाया गया है। हालांकि अभी इस रिसर्च पेपर का रिव्यू नहीं हुआ है। स्टडी के अनुसार कोई एक वैक्सीन लेने वाले लोगों में 6 महीने बाद एंटीबॉडी कम हुआ लेकिन जिस व्यक्ति को एक डोज कोविशील्ड और दूसरा डोज कोवैक्सीन का दिया गया उनका इम्युनिटी कोई एक वैक्सीन लेने वाले शख्स से ज्यादा बेहतर दिखा।
- ICMR ने उत्तर प्रदेश के एक शख्स जिसे गलती से एक डोज कोविशील्ड और दूसरा डोज कोवैक्सीन का दिया गया था उनकी इम्युनिटी का अध्ययन किया गया। वैक्सीनेशन शेड्यूल के पूरा होने के 6 महीने बाद यह स्टडी की गई। इस स्टडी में दो अन्य समूह के वैसे लोगों को भी शामिल किया गया जिन्होंने या तो कोविशील्ड या कोवैक्सीन के दोनों डोज लिए हुए थे। रिसर्च में पाया गया एक ही वैक्सीन के दोनों डोज लिए हुए व्यक्ति के शरीर में IgG एंटीबॉडी जो वायरस के स्पाइक प्रोटीन को रोकता है, उसमें कमी पाई गई।
- ICMR नई दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ समीरन पांडा ने कहा कि लेकिन जिन्होंने वैक्सीन का मिक्स डोज लिया था उनके शरीर में IgG एंटीबॉडी दो अन्य समूह के लोगों की तुलना में ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के पहले और छठे महीने के बाद सभी तीन समूहों में किए गए तुलनात्मक अध्ययन में यह पाया गया कि जिन्होंने कोई एक वैक्सीन डोज लिया था उनके अंदर कोरोना के B.1.अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट और ओमीक्रोन (Omicron Variants) के खिलाफ एंटीबॉडी में कमी पाई गई। वहीं, जिन्होंने कोविशील्ड और कोवैक्सीन का मिक्स डोज लिया था उनके शरीर में इन सभी वेरिएंट के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी पाई गई।
- स्टडी में कहा गया है कि जिसने केवल कोविशील्ड (Homologous Covishield) का डोज लिया था, वैसे ग्रुप में B.1. अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमीक्रोन के वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी में कमी पाई गई। वहीं जिसने कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Hetrologous Group) दोनों का डोज लिया था उसके अंदर कोरोना के इन सभी वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई।
- डॉ पांडा ने कहा कि हालांकि स्टडी साइज छोटा (88 लोगों पर अध्ययन) था। लेकिन इसके जरिए दो अहम चीजों के बारे में जानकारी मिली। एक उत्तर प्रदेश के उस शख्स को लेकर आई चिंता का समाधान हुआ जिनको कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों की डोज लगी थी। दूसरी कि दोनों डोज लेने वाले लोगों में इम्युनिटी ज्यादा दिखी।