मोदी ने कहा कि घर से हज़ारों मील दूर विकट परिस्थितियों में हमारे छात्रों ने हौसले और ज़बरदस्त टीम भावना का उत्तम उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी कोशिश रहती थी कि प्रतिदिन परिस्थितियों का आंकलन करता रहूं। आप में से भी बहुत लोगों के सीधे संपर्क में रहा। मैंने अनेक राष्ट्राध्यक्षों से भी बात की।
मोदी ने कहा कि घर से हज़ारों मील दूर विकट परिस्थितियों में हमारे छात्रों ने हौसले और ज़बरदस्त टीम भावना का उत्तम उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी कोशिश रहती थी कि प्रतिदिन परिस्थितियों का आंकलन करता रहूं। आप में से भी बहुत लोगों के सीधे संपर्क में रहा। मैंने अनेक राष्ट्राध्यक्षों से भी बात की। भारतीय कम्युनिटी, स्वयंसेवक समुहों, भारतीय कंपनियों को भी उनकी सहायता और निस्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से भारतीय छात्रों की निकासी बगैर किसी ‘‘विश्वसनीय युद्धविराम’’ के संभव नहीं थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसके लिए रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात कर रास्ता निकाला।