क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
पुलिस, CID, CBI से बच सकते हैं भाई लोग।..लेकिन जब Directorate of Enforcement (ED) किसी मामले को हाथ में लेती है तो जड़ें खोद कर विशाल पेड़ को भी गिरा देती है। क्योंकि यह एजेंसी मनी लांड्रिंग मतलब काले धन को सफेद करने के मामलों में सबसे पहले मनी ट्रेल खोजती है... मतलब पैसा कैसे आया..कहां से गया और किसे गया, ढूंढती है और एकदम चुपचाप। फिर सब सबूत मिलने पर कार्रवाई करती है।
बड़बोले नाटी बोय संजय राऊत इसी ED के शिकंजे में फंसे हैं। अब उनका बचना मुश्किल ही है।...
मामला यूं है कि
गोरेगांव, मुंबई में महाराष्ट्र सरकार की 48 एकड़ जमीन पर एक chawl बना हुआ था, सदियों पुराना जिसका नाम था पात्रा चाउल। उसमें कुल 672 परिवार रहते थे।नगर निगम उस जमीन को खाली कराकर उसका व्यापारिक उपयोग करना चाहता था मगर निवासी हटना नहीं चाहते थे। अंत में यह समझौता हुआ कि वहां जो भी बिल्डिंग बनेगी उसमें इन रहवासी लोगों को 672 फ्लैट दिए जाएंगे। बाकी 3000 फ्लैट सरकार बेचेगी। एक डेवलपर का सेलेक्शन हुआ गुरु कृपा बिल्डर जिसके मालिक थे प्रवीण राऊत। पहले फेज में 672 फ्लैट बन गये। लोग उनमें रहने भी लगे। मगर प्रवीण राऊत ने बाकी फ्लैट नहीं बनाये।..फिर उसने खाली जमीन को दूसरे बिल्डर बधावन कंस्ट्रक्शन को बेच दिया।कुल Rs. 2000 करोड़ में सौदा हुआ, जिसमें से 1000 करोड़ कैश में लिया गया।...
अब इसकी अगली कड़ी देखिए।...
महाराष्ट्र में पी एम सी बैंक के दिवालिया होने की जांच जब शुरू हुई तो पता चला कि गुरु कृपा के मालिक प्रवीण राऊत का सारा लेनदेन उसी बैंक से होता था और उसके खाते से संजय राऊत की पत्नी वर्षा राऊत के एकाउंट में 11 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए और फिर उन पैसों से अलीबाग में प्लौट और मुंबई में फ्लैट खरीदा गया है।..ED ने
सारा मनी ट्रेल स्थापित कर लिया।..
फिर जनवरी में प्रवीण राऊत गिरफ्तार हो गया..और अब संजय राऊत की बेरोजगार पत्नी के नाम से खरीदी गई संपत्ति ED ने अटैच कर ली है।...पहले #अनिलदेशमुख, #नबावमलिक और अब #संजय_राऊत।..
अब क्या है कि मोदी जी खिचड़ी खाने के शौकीन तो हैं.. लेकिन थोड़ी ठंडी कर के खाते हैं।....और उनकी याददाश्त नाटी बाय्ज को भूलती नहीं है।