मायावती सरकार में उखड़े थे 108 शिवलिंग.... एक अधिकारी को कोढ़ हुआ... दूसरे की एक्सिडेंट से मौत



क्लू टाइम्स
, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मायावती सरकार में उखड़े थे 108 शिवलिंग.... एक अधिकारी को कोढ़ हुआ... दूसरे की एक्सिडेंट से मौत 

-आज कल टीवी न्यूज चैनल की डिबेट में बार बार बीजेपी के प्रवक्ताओं को ये कहकर घेरा जा रहा है कि जब विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया तो सैकड़ों मंदिर तोड़ दिए गए... शिवलिंग तोड़ दिए गए । ये आरोप पूरी तरह से गलत है... इस संबंध में हमने वाराणसी के ही वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा जी से बात की है जिनका मंदिर भी कॉरिडोर में ही था और उन्होंने मोदी विरोधियों के सारे आरोपों को झूठ करार दिया है । उन्होंने कॉरिडोर की क्या सच्चाई बताई आगे आपको बताएंगे लेकिन पहले आपको याद दिलाते हैं 2008 की भयंकर घटना । 

-साल 2008 में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बहुत संकरी गली में था और उसके आस पास मंदिर भी बहुत सघन बने हुए थे ।  तब मायावती सरकार के प्रशासन ने वहां कुछ विकास योजनाएं शुरू कीं और रानी भवानी मंदिर और तारकेश्वर मंदिर में तोड़फोड़ की थी । काशी के संत समाज ने इस तोड़फोड़ का विरोध किया था लेकिन अधिकारियों ने एक नहीं सुनी । बनारस के ही वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा ने बताया कि तारकेश्वर मंदिर के अंदर 108 शिवलिंग नाम के साथ मौजूद थे लेकिन उन सभी को हटा दिया गया और उनके सम्मान का ख्याल नहीं किया गया । शिवलिंग अपमानित भी हुए जिसके बाद बनारस में लोगों ने बहुत आक्रोश जताया था । 2 अधिकारी जो मुख्य तौर पर उसमें जिम्मेदार थे... कमिश्नर को कोढ़ हो गया और जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी था उसका दीपावली के पहले एक्सिडेंट हो गया और उसकी मृत्यु हो गई ।

-इस तरह की घटनाओं को याद करते हुए हम सभी को चाहिए कि ईश्वर के संबंध में कभी कोई झूठ ना बोले लेकिन इन दिनों टीवी डिबेट में मोदी विरोध करने के लिए कुछ सपाई और कांग्रेसी प्रवक्ता और जिहादी मौलाना... काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं । मोदी पर झूठा आरोप ये लगाया जा रहा है कि कॉरिडोर का निर्माण करते वक्त सैकड़ों मंदिर और शिवलिंग मूर्तियां तोड़ दी गईं जिनका अपमान हुआ ये बात सरासर झूठ है । 

-बनारस के वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा जी ने स्वयं ये बात मुझको बताई कि कॉरिडोर के अंदर ही उनकी सरस्वती मां की प्रतिमा थी । पीढ़ियों से उनका परिवार मंदिर का संरक्षक, महंत और पुजारी है । जब कॉरोडिर का निर्माण हो रहा था तो उनकी मूर्ति को पहले शिव की कचहरी में शिफ्ट किया गया । और इसके बाद इसी साल बसंत पंचमी के दिन नए बने हुए मंदिर में उनकी मां सरस्वती की प्रतिमा को ना सिर्फ स्थापित किया गया बल्कि पूजा पाठ आरती उपासना सुचारू रूप से जारी है । (ये लेख जरूर शेयर करें ताकी सबको पता लगे सही बात क्या है )

- आगे भी सारी बात आपको बताएंगे पहले ये जान लीजिए कि आखिर ये शिव की कचहरी क्या है ? बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के पीछे से एक रास्ता जाता है यहीं पर शिव की कचहरी है ये कोई थाना या पुलिस स्टेशन नहीं है बल्कि ये एक प्रार्थना उपासना गृह है जहां पर बनारस के लोग आकर शिव से प्रार्थना करते हैं अपनी मनौती मांगते हैं इसीलिए इस जगह को शिव की कचहरी कहा जाता है । 

-जब कॉरिडोर का निर्माण हो रहा था तब देवी देवताओं और शिवलिंग को कॉरिडोर का निर्माण होने तक इसी शिव की कचहरी में शिफ्ट किया गया था किसी भी देवता या शिवलिंग का कोई भी अपमान नहीं हुआ था । कॉरिडोर में कुछ घर भी आए थे इन घरों के अंदर शिवलिंग थे ये शिवलिंग आज भी शिव की कचहरी में हैं और इनकी नित्य उपासना होती है । इस परियोजना में 28 मंदिरों का पुनर्निर्माण किया गया और 14 मंदिरों का जीर्णोद्धार भी किया गया । 

-जिहादी तो कभी सुधरने वाले नहीं हैं लेकिन मैं टीवी पर आने वाले सभी हिंदू प्रवक्ताओं या सोशल मीडिया पर मौजूद सभी लोगों से ये अपील करूंगा कि कृपया वो ना कहें जो हुआ ही नहीं है । शिव शंकर शंभू के बारे में असत्य बोलना का पाप ना करें क्योंकि अगर आप ऐसा करेंगे तो इसका दंड फिर आपका भाग्य ही आपको देगा ।