दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) की जमीन के मुआवजा को लेकर हुए घोटाले के दो आरोपित को गिरफ्तार

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

डीएमई जमीन मुआवजा घोटाले के दो आरोपित गिरफ्तार

गाजियाबाद : दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) की जमीन के मुआवजा को लेकर हुए घोटाले के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने एसटीएफ, मेरठ की मदद से दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित नई दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव निवासी गोल्डी गुप्ता और क्रासिग रिपब्लिक की जीएच-7 सोसायटी निवासी सुधाकर मिश्रा हैं। आरोपितों ने 3डी प्रकाशन के बाद किसानों की जमीन खरीदकर सरकार से 22 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा लिया था। आरोपितों के साथियों को पुलिस तलाश कर रही है। इसी मामले तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी व विमल शर्मा और एडीएम धनश्याम सिंह समेत कई अन्य अधिकारी व कर्मचारियों का नाम आया था। निधि केसरवानी को निलंबित करने के लिए शासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।


प्रशासन ने थाना सिहानी गेट में इस मामले में दोनों आरोपितों के साथ तत्कालीन सब रजिस्ट्रार, अरुण कुमार, किशमिश व फतेह मोहम्मद समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसएचओ सिहानी गेट सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि गोल्डी व सुधाकर ने एक आवास समिति के नाम पर डीएमई के लिए चिह्नित जमीन का रिश्तेदारों को ऊंची दरों पर बैनामा किया और खतौनी भी करा ली। रसूलपुर सिकरोड़ा और मटियाला गांव की जमीन 2012 में डीएमई के लिए चिह्नित हुई और खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई। बावजूद इसके जमीन के दाम बढ़ाने को खरीद फरोख्त की गई। कम मुआवजे का मुद्दा उठाकर विवाद खड़ा किया। मध्यस्थता में मुआवजे की राशि बढ़ाई गई, जिस कारण सरकार को लगभग 22 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा। एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई तो मामला सामने आया। एसएचओ ने बताया कि गोल्डी व उसके साथियों ने जिस समिति के नाम पर जमीन खरीदी, उसका पंजीकरण साल 1999 में निरस्त किया जा चुका था। एसटीएफ टीम इस मामले में अन्य फरार आरोपितों की तलाश कर रही है। एसएचओ का कहना है कि तहसील प्रशासन से दस्तावेज मांगे हैं, उसके आधार पर घोटाले में संलिप्त अधिकारी व कर्मचारियों को भी नामजद कर आरोपित बनाया जाएगा।