पति-पत्नी (व्यंग) चाय का समय हो गया है, सब लोग पी लीजिए

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

पति-पत्नी (व्यंग) चाय का समय हो गया है, सब लोग पी लीजिए



पति:
अजी सुनती हो ?

पत्नी;  नहीं, मैं तो जनम कि बहरी हूँ ।बोलो?

पति:  मैंने ऐसा कब कहा ?

पत्नी: तो अब कह लो, पूरी कर लो एक साथ, कोई भी हसरत अगर अधूरी रह गयी हो। 

पति: अरी भाग्यवान!!

पत्नी:  सुनो एक बात.... आइन्दा मुझे भाग्यवान तो कहना मत , फूट गए नसीब मेरे तुमसे शादी करके और कहते हो भाग्यवान हूँ ।

पति: एक कप चाय मिलेगी?

पत्नी: एक कप क्यों?
 लोटा भर मिलेगी और सुनो किसको सुना रहे हो ?
मैं क्या चाय बना के नहीं देती ?

पति: अरे यार कभी तो सीधे मुह बात...

पत्नी: बस .... आगे मत बोलना ,नहीं आता मुझे सीधे मुँह बात करना।
मेरा तो मुँह ही टेढ़ा है , यही कहना चाहते हो ना ?

पति: हे भगवान!!

पत्नी:  हाँ ... माँग लो भगवान जी से एक कप चाय ।
मै चली नहाने, और सुनो मुझे शैम्पू भी करना है देर लगेगी।
बच्चों को स्कूल से ले आना मेरे अकेले के नहीं हैं ।

पति: अरे ये सब क्या बोलती हो ?

पत्नी: क्यों झूठ बोल दिया क्या ? 
मैं क्या दहेज़ में ले कर आयी थी इनको ?

पति: अरे मैं कहाँ कुछ बोल रहा हूँ ?

पत्नी: अरे मेरे भोले बाबा, तुम कहाँ बोलते हो ? 
मैं तो चुप थी।
बोलना किसने शुरू किया ? 
बताओ ...?

पति: अरे मैंने तो एक कप चाय मांगी थी।

पत्नी: चाय मांगी थी या मुझे बहरी कहा था ? 
क्या मतलब था तुम्हारा ? 
"अजी सुनती हो ?"का क्या मतलब था बताओगे ?

पति: अरे श्रीमती जी।
कभी तो मीठे से बोल लिया करो।

पत्नी: अच्छा...?.
मीठा नहीं बोली मैं कभी  ? 
तो ये दो दो नमूने क्या पड़ोसी के हैं. ?
देख लिया है बहुत मीठा बोल कर।
बस अब और मीठा बोलने कि हिम्मत नहीं है मेरी।

पति: भूल रही हो मैडम ।

पत्नी: क्या भूल रही हूँ..?

पति:  अरे मुझे बात तो पूरी करने दो।
मैं कह रहा था कि पति हूँ तुम्हारा।

पत्नी:  अच्छा ..... मुझे नहीं पता था।
सूचना के लिए धन्यवाद।

पति: अरे नहीं चाहिए मुझे तुम्हारी चाय।
 बक बक बंद करो।

पत्नी: अरे वाह!! तुम्हे तो बोलना भी आता है ? बहुत अच्छे, 
चाय  पी के जाओ।
बाद में नहा लूँगी।

पति: गज़ब हो तुम भी।
 पहले तो बिना बात लड़ती हो फिर बोलती हो चाय पी के जाओ।

पत्नी: तो क्या करूँ ? 
तुम लड़ने का मौका कहाँ देते हो ? 
लड़ने का मन करे तो क्या पड़ोस में लड़ने जाऊँ?
               
नोट:- पत्नियों के अधिकारों का हनन न करें और उन्हें लङने का मौका अवश्य दें।
     सभी विवाहत पुरूषों व उनकी अर्धांगिनियों को समर्पित

चाय का समय हो गया है, सब लोग पी लीजिए