यूपी के सभी विकास प्राधिकरण और नगरीय निकाय में करें टाउन प्लानर की होगी तैनाती, सीएम योगी ने दिए निर्देश

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिलों में निरीक्षण करें यातायात विभाग के वरिष्ठ अफसर

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। व्यवस्थित और सुरक्षित यातयात के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर शहरों के नियोजित विकास पर है। उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रदेश के हर विकास प्राधिकरण और नगरीय निकाय में नगर नियोजक (टाउन प्लानर) की तैनाती की जाए। अवैध कालोनियाें पर हर हाल में लगाम कसें। वहीं, यातायात विभाग के शासन स्तर के अधिकारियों को जिलों में जाकर पार्किंग और यातायात व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया है।


मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सभी विकास प्राधिकरण और नगरीय निकायों में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। परियोजनाओं काे तैयार करते समय अगले 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें। प्रदेश में अवैध कालोनियों को विकसित होने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, रिक्शा स्टैंड आदि को तत्काल समाप्त कराएं। ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली और माफिया व आपराधिक प्रवृत्ति के तत्वों की संलिप्तता होती है। इनकी पहचान कर बिना देर किए कठोरतम कार्रवाई करें। पार्किंग के लिए स्थायी जगह होनी चाहिए।

योगी ने दोहराया कि सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या को खत्म करना होगा। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, व्यापार मंडलों के साथ बातचीत कर इसका समाधान कराएं। पटरी व्यवसायियों के लिए जगह चिन्हित कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था करें। इसके साथ ही निर्देश दिया कि यातायात विभाग के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में उतरें। शासन स्तर के विभागीय अधिकारी जिलों में जाएं।

पार्किंग, यातायात आदि की व्यवस्था का आकलन करें। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर व्यापारियों से बात करें। इसके अलावा 'हर घर नल योजना' के तहत पाइपलाइन डाली जा रही है। स्मार्ट सिटी के भी काम हो रहे हैं। जहां पाइपलाइन डाली जा चुकी है, वहां बरसात से पहले पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढों को भर दिया जाए, जिससे लोगों को असुविधा न हो। नालों की सफाई भी समय से हो जानी चाहिए।

गो आश्रय स्थलों के लिए भी बनेंगे नोडल अधिकारीः मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग के काम में काफी सुधार की जरूरत है। विभाग में शासन स्तर के जो अधिकारी हैं, उन्हें जिलों का नोडल अधिकारी बनाकर फील्ड में भेजें। नोडल अधिकारी जिलों में जाकर गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था की पड़ताल करें और भूसा बैंक बनवाएं। डेयरी सेक्टर से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए नियोजित प्रयास करें। गो-तस्करी जैसे जघन्य अपराध में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।