क्वाड एवम चीन ! (जरा सोचिए.......)

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

क्वाड एवम चीन !

  चार देशो , भारत आस्ट्रेलिया जापान एवम अमेरिका, के संगठन “क्वाड” के सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के लिए जापान गए हुए है जहां अप्रवासी भारतीयों से आमने सामने संवाद करने के साथ साथ वह 23 विभिन्न मीटिंग में भाग ले रहे है। चीन चार देशो के इस संगठन “क्वाड” के विरु( है तथा इसे दूसरा “नाटो” संगठन कह रहा है जबकि पाकिस्तान भारत की इस बढ़ती ताकत एवम पूछ से परेशान है तथा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मोदी की बढ़ती नजदीकियों से स्तब्ध है और हो भी क्यो न? 

  रूस तथा यूक्रेन के मध्य पिछले लगभग तीन माह से चल रहे यु( जिसमे अमेरिका नाटो के माध्यम से यूक्रेन के साथ दे रहा है जबकि भारत रूस का पारंपरिक मित्र होने के कारण नैतिक रूप से रूस के पाले में खड़ा है तब इस विकट परिस्थिति में भारत का रूस एवम अमेरिका के साथ एक ही समय मे संतुलन बनाये रखना कितना कठिन कार्य है? लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जिस समझदारी से “क्वाड” सम्मिट में जापान एवम अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशो के साथ सामंजस्य बनाया, वह अतुल्नीय है। क्वाड द्वारा आज चारांे सदस्य देशों के मध्य आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए अगले 5 वर्षाे में पचास अरब डॉलर खर्च करने एवम एशिया पेसेफिक क्षेत्र में चीन पर निगरानी रखने के लिए एक संयुक्त सिस्टम विकसित करने के जो प्रस्ताव पारित किए गए वह न केवल सामरिक दृष्टिकोण से अपितु सहयोग स्तर पर अति महत्वपूर्ण है। 

  यह चारो देश मिलकर चीन की बढ़ती ताकत को रोकना चाहते है तथा चाहते है कि चीन ताइवान पर हमला करके स्वयम्भू न बन सके और वह भी तब जब अमेरिका ने ताइवान को सम्पूर्ण संरक्षण देने का वायदा किया हुआ है इसलिए चीन तथा पाकिस्तान भारत के बढ़ते अंतराष्ट्रीय दखल एवम प्रतिष्ठा से बेहद परेशान है। कुल मिलाकर वर्तमान समय मे भारत की विदेश नीति, घरेलू स्थिति तथा सुदृढ अर्थव्यवस्था के कारण भारत विश्व के पटल पर छा जाने की तैयारी में है तथा ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की भारत को “पांच ट्रिलियन इकोनॉमी” बनाने की इच्छाशक्ति ने भारत को विश्व समुदाय को अपना लोहा मानने पर मजबूर कर दिया है। आज चीन को भी भारत जैसे बड़े एवम ताकतवर मनुष्य शक्ति वाले देश को सामने खड़े होना भा नही रहा है लेकिन चाह कर भी वह भारत का खुलकर विरोध करने की स्थिति में इसलिए नही है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था का बड़ा भाग भारतीय निर्यात से ही उसे प्राप्त होता है। कुल मिलाकर मोदी के नेतृत्व में भारत आज विश्व की एक ताकत बन चुका है तथा भारत के अति विशाल बाजार के कारण भारत सभी के लिए अपरिहार्य हो चुका है, जरा सोचिए.......


- डा. मुकेश गर्ग

(लेखक एक स्वतंत्रत उद्यमी, विचारक एवम ब्लॉगर है।)