क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मेरठ। देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर पर काम चल ही रहा है। अब इसके दूसरे कारिडोर दिल्ली-गुड़गांव-एसएनबी-अलवर कारिडोर पर भी प्राथमिक कार्य शुरू हो गया है।
मेरठ के लिए इस कारिडोर का एयरोसिटी स्टेशन और गुड़गांव बेहद महत्वपूर्ण रहेंगे। चूंकि मेरठ में फिलहाल एयरपोर्ट नहीं बन रहा है। इसलिए इंदिरा गांधी एयरपोर्ट तक कम समय में पहुंचने के लिए इस परिवहन सेवा का इस्तेमाल मेरठ व आसपास के लोग किया करेंगे। मोदीपुरम से सराय काले खां तक रैपिड रेल से पहुंचने में 55 मिनट लगेंगे। इसके बाद वही ट्रेन एयरोसिटी की तरफ आगे बढ़ जाएगी।
एयरोसिटी के स्टेशन को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा
एयरोसिटी के रैपिड रेल स्टेशन को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली मेट्रो स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा। एयरोसिटी से एयरपोर्ट बिल्कुल करीब है। खास बात यह है कि मेरठ से ही एयरपोर्ट लाइन की रैपिड रेल मिलेगी, जिससे सराय काले खां से एयरोसिटी तक ट्रेन बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक आकलन के अनुसार करीब डेढ़ घंटे में एयरपोर्ट स्टेशन पहुंचा जा सकेगा।
पहले चरण में सराय काले खां से एयरोसिटी तक कार्य
दिल्ली-गुड़गांव-अलवर कारिडोर पर पहले चरण में सराय काले खां से एयरोसिटी तक कार्य होगा। इसके बाद गुड़गांव होते हुए एसएनबी तक काम होगा। इस कारिडोर पर सरायकालेखां एलिवेटेड स्टेशन बनाया जा रहा है, लेकिन इसके बाद सभी तीन स्टेशन भूमिगत होंगे। भूमिगत स्टेशनों में आइएनए, मुनिरका व एयरोसिटी शामिल हैं। इस कारिडोर पर जो प्राथमिक कार्य शुरू हुए हैं उनमें बिजली, टेलीफोन, केबल व पाइप लाइन स्थानांतरित की जा रही हैं। सीवर लाइन, नाला आदि हटाने से संबंधित प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, निर्माण कार्य जैसे पिलर, स्टेशन आदि से संबंधित टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की वित्तीय समिति की हरी झंडी का इंतजार किया जा रहा है। अनुमति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
पांच साल में तैयार हो जाएगी एयरपोर्ट लाइन
रैपिड रेल की एयरपोर्ट लाइन को तैयार करने में पांच साल का समय लगेगा। यदि 2022 में ही निर्माण कार्य शुरू हो जाता है तो 2027 तक कार्य पूरा हो जाएगा। यानी मेरठ के लोग कुछ साल बाद डेढ़ घंटे में एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।