क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
सूरज चाचा पृथ्वी से 150 मिलीयन किलोमीटर दूरी पर अपने गर्मदार विला में रहते हैं। दूरी बनाए रखने का एक कारण यह भी है कि कहीं कोई नेता उनकी जमीन न हड़प ले। आजकल इनकी किरणें आवश्यकतानुसार धरती पर नहीं पड़ती।
सूरज चाचा पृथ्वी से 150 मिलीयन किलोमीटर दूरी पर अपने गर्मदार विला में रहते हैं। दूरी बनाए रखने का एक कारण यह भी है कि कहीं कोई नेता उनकी जमीन न हड़प ले। आजकल इनकी किरणें आवश्यकतानुसार धरती पर नहीं पड़ती। हो न हो सूरज चाचा किसी अर्थशास्त्री से ब्लैक मार्केटिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऐसा करने से उनका डिमांड हमेशा बना रहता है। गर्मी के दिनों में तो वातानुकूलित यंत्र बेचने वाली कंपनियों से सांठ-गांठ बनाए रखते हैं। सुना है वे उन्हें कमीशन भी अच्छा देते हैं।
सूरज चाचा के प्रकाश में अन्य तारे चमकते है। गरदिश वाले तारे पैसों की चमक से चमकते हैं। चाचा जी आग का गोला हैं। धरती के लोग उन्हीं की आग से सोलार-सोलार खेलते हैं और उनके सामने डरने की नौटंकी करते हैं। वे इंसानों की तरह अंदर-बाहर से अलग नहीं हैं। वे जैसा दिखते हैं, वैसा होते हैं। वैसा करते हैं। गर्मी होना, गर्म करना, गर्म फेंकना इनकी फितरत है। इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं करते। सूरज चाचा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 28 गुना ज्यादा है। बावजूद इसके वे नेताओं की खरीद-फरोख्त वाले गुरुत्वाकर्षण शक्ति में अभी भी बच्चे हैं। धरती पर सारे जीवन का आधार स्तंभ सूरज चाचा ही हैं। बिना सूरज चाचा के पृथ्वी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसीलिए कोई इन्हें अपनी पार्टी का निशान बना रहा है, तो कोई गटर का पाइप। सब अपनी-अपनी सोच और पहुँच से उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।