क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मेरठ। लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण करवट ले रहे हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की खाली हो रही 11सीटों पर नए चेहरों को मौका देकर मिशन-2024 को साधेगी। आठ सीटों पर पार्टी जीत के करीब है, जिसमें पश्चिम यूपी से कई नामों पर मंथन चल रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को उच्च सदन में भेजकर पार्टी ब्राह्मण कार्ड खेल सकती है। 11 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं।
2024 है टारगेट
सपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है पर अभी तक भाजपा में चिंतन मनन जारी है। उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिन में यह नाम तय हो जाएंगे। पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो पश्चिम उप्र को खास तवज्जो मिलेगी। 2024 में लोकसभा चुनाव होने हें, ऐसे में भाजपा कई समीकरणों को साधते हुए चेहरे तय करेगी। 2014 लोस चुनाव में यूपी में 80 में 73 सीटें जिताने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी पार्टी के तेज तर्रार चेहरों में रहे हैं। उन पर पार्टी दांव लगा सकती है।
मिल सकती है नई दिशा
2017 विस चुनाव हारने के बाद हाशिए पर चल रहे डा. बाजपेयी को उच्च सदन में भेजकर पार्टी पश्चिम उप्र में ब्राहमण राजनीति को नई दिशा दे सकती है। हाल में विस चुनाव से पहले स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन के रूप में भी वो काफी सक्रिय रहे। हालांकि तमाम कयासों के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। वर्तमान में मेरठ के विजयपाल सिंह तोमर एवं कांता कर्दम के रूप में दो चेहरे राज्यसभा सदस्य हैं
जाट-गुर्जर भी अहम दावेदार
पश्चिम की राजनीति में जाट-गुर्जर सबसे बड़े पिलर माने जाते हैं। गुर्जर चेहरों में नोएडा के सुरेंद्र नागर का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जिन्हें दोबारा मौका मिलने की उम्मीद है। गुर्जर कोटे से नवाब सिंह नागर एवं पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर भी प्रयास करेंगे। वहीं, जाट चेहरों में प्रदेश उपाध्यक्ष व मेरठ के देवेंद्र चौधरी, गाजियाबाद के राजा वर्मा और आशू वर्मा और सुदन सिंह रावत भी रेस में हैं। पार्टी बुलंदशहर, बिजनौर एवं सहारनपुर से भी नए नामों को सामने ला सकती है।