क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

गाजियाबाद, आशीष वाल्डन. सिटी फारेस्ट से 50 दिन से लापता खरगोश को साहिबाबाद कोतवाली पुलिस नेमंगलवार को दो बच्चों सहित ढूंढ लिया। दोनों बच्चों सहित उसे उसकी मालकिन को सौंप दिया। उसकी मालकिन ने खुशी जाहिर की। मामले में केयर टेकर सहित तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
लालकुआं की देवांती उर्फ विजेता के मुताबिक, उन्होंने अपना पालतू खरगोश (मादा) गत 27 मार्च को सिटी फारेस्ट में केयर टेकर संजय को दिया। 17 अप्रैल को उन्होंने उसे आखिरी बार देखा। उसके बाद से वह गायब हो गया। उन्होंने संजय, उसकी वर्क पार्टनर रसूली और गेट कीपर छोटे से उसके बारे में पूछा। तीनों ने तरह-तरह के झूठ बोले।
इस पर उन्होंने मई में पुलिस को शिकायत की। आशंका जाहिर किया कि संजय ने उनके खरगोश को बेच दिया या फिर मार करके खा लिया। इस पर साहिबाबाद कोतवाली में 28 मई को संजय, रसूली व छोटे के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम व विश्वास के हनन के तहत रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने खरगोश की तलाश शुरू की।
साहिबाबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नागेंद्र चौबे ने बताया कि मंगलवार को सिटी फारेस्ट से ही खरगोश बरामद हो गया। इस दौरान उसने दो बच्चों को जन्म दिया था। दोनों बच्चे भी मिले हैं। पीड़िता ने खरगोश की शिनाख्त कर ली है। उसे बच्चों सहित उसकी मालकिन को सौंप दिया गया।
आपको बता दें कि खरगोश एक बहुत ही शांत और प्यारा जानवर है। ज्यादातर लोग खरगोश को शौक के लिए पालते हैं। वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार भी खरगोश को घर में पालना शुभ माना जाता है। खरगोश पालने के लिए अधिक जगह की जरूरत नहीं होती है।
खरगोश पालन के फायदे
- खरगोश पालन में कम लागत लगती है।
- खरगोश को घर में पालना शुभ माना जाता है।
- एक मादा खरगोश में बच्चे देने की क्षमता बाकी सभी जानवरों की तुलना में अधिक होती है। यह एक बार में लगभग 5 से 8 बच्चों को जन्म देती है।
- खरगोश पालने के लिए आपको किसी खास ध्यान की भी जरूरत नहीं होती है।
- इसे कम स्थान पर आसानी से पाला जा सकता है।