नए उद्योगों के खुले रास्ते, छोटे भूखंडों पर विकसित होंगे उद्योग

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

ghaziabad
गाजियाबाद। जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में वर्षों से वीरान पड़े चार हजार वर्ग मीटर से बड़े प्लाटों को नई उप विभाजन नीति के तहत उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बूस्टर डोज देकर नए उद्योग लगाने का रास्ता साफ कर दिया है। इन प्लाटों पर 75 फीसदी हिस्से में साढ़े चार सौ-साढ़े चार सौ वर्गमीटर में छोटे- छोटे उद्योग लगाए जा सकेंगे। जितना पुराना भूखंड होगा उतना ही उप विभाजन चार्ज कम लगेगा।
यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश कुमार झा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में करीब तीन सौ एकड़ भूखंड कई सालों से अनुपयोगी पड़े हैं। उद्यमी काफी समय से इन प्लाटों को उप विभाजित करने की मांग कर रहे थे। प्राधिकरण ने मांग को मानते हुए नई नीति लागू कर दिया है। सबसे अधिक ऐसे भूखंड साहिबाबाद में है।
यह होगा फायदा

बड़े भूखंड वाले ऐसे उद्यमी जो आर्थिक कमजोरी की वजह से उद्योग नहीं स्थापित कर पाए या नहीं चला पाए अब वे भूखंड को विभाजित कर नए उद्योग लगाने के लिए बेच सकेंगे। यदि किसी के पास चार हजार वर्ग मीटर का प्लॉट है तो वह साढ़े चार-साढ़े चार सौ के सात प्लॉट किराए पर या नए उद्योग लगाने के लिए बेच सकता है। किराए या विक्रय से आए पैसे से वह अपने उद्योग को बेहतर बना सकेगा। उप विभाजन चार्ज में भी छूट मिलेगी। परिवार विभाजन एवं साझेदारी विभाजन के मामलों में छूट चार्ज में छूट मिलेगी।
बाहर से आएंगे नए उद्योग
क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना है कि गाजियाबाद में नया उद्योेग लगाने वालों को काफी फायदा होगा। नई नीति के बाद नए उद्योग तेजी से लगेंगे। छोटे उद्योग लगने से वायु प्रदूषण भी कम होगा।
तीन साल का मिलेगा मौका
नई नीति के लागू होने के बाद अब उद्योग लगाने वालों को प्लॉट को विकसित करने और उद्योग स्थापित करने के लिए 18 से 36 महीने का समय मिलेगा। भूखंड को विक्रय करने का दो से तीन साल का समय भी दिया जाएगा।